इस साल एक बार फिर राजधानी की हवा दूषित (Air Pollution) हो रही है. हवा की क्वालिटी खराब होने के कारण सांस लेना मुश्किल हो रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार बढ़ते प्रदूषण सांस संबंधी बीमारियों का कारण बनता है.
इसमें क्रोनिक ब्रोंकाइटिस से लेकर हृदय रोग और यहां तक कि डायबिटीज तक शामिल है. ऐसे में फेफड़ों (Lungs) को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है. इसके लिए जरूरी है कि आप पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स को डाइट में शामिल करें. आइए जानें आप कौन से फूड्स डाइट में शामिल कर सकते हैं.
प्रदूषण से फेफड़ों को बचाने के लिए 7 फूड्स
गुड़
आयुर्वेद में फेफड़ों से जुड़ी बिमारियों में गुड़ का सेवन बहुत फायदेमंद माना गया है. ये सांस से जुड़ी समस्याओं की रोकने में मदद करता है. गुड़ ब्रोन्कियल मांसपेशियों को आराम करने में मदद करता है. सांस लेने में आसान बनाता है और फेफड़ों में वायु प्रवाह को भी बढ़ाता है.
फैटी फिश
ये फैट से भरपूर होती हैं और ओमेगा -3 फैटी एसिड का एक बेहतरीन स्रोत हैं. ये फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं. इन्हें पॉली-अनसैचुरेटेड फैटी एसिड के रूप में भी जाना जाता है जो एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कार्सिनोजेनिक और एंटी-ऑक्सीडेटिव गुणों से भरपूर होती हैं. ये सभी गुण फेफड़ों के रोगों और वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से बचाते हैं.
सेब
एक अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से सेब खाने से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं. सेब खाने से फेफड़ों के काम करने की क्षमता अधिक हो जाती है. ये अस्थमा और फेफड़ों के कैंसर की संभावना को कम करते हैं.
अखरोट
ये ओमेगा -3 फैटी एसिड का एक और समृद्ध स्रोत है. अखरोट का नियमित सेवन अस्थमा और अन्य श्वसन स्थितियों से लड़ने में सहायक होता है.
चुकंदर
इसमें नाइट्रेट तत्व होते हैं जो फेफड़ों के कामकाज के लिए फायदेमंद हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, नाइट्रेट रक्त वाहिकाओं को आराम देने, ब्लड प्रेशर को कम करने और ऑक्सीजन के अवशोषण को सुधारने में मदद करते हैं. इसके अलावा, चुकंदर मैग्नीशियम, पोटैशियम, विटामिन सी और कैरोटेनॉयड एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं.
लहसुन
ये एलिसिन से भरपूर होता है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करता है. लहसुन के नियमित सेवन से संक्रमण और सूजन का खतरा भी कम हो जाता है, जिससे अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसे श्वसन संबंधी विकार हो सकते हैं.
हल्दी
हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. ये संक्रमणों और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है. इसके सेवन से फेफड़ों के काम करने की क्षमता अच्छी होती है. आप हल्दी के दूध का सेवन कर सकते हैं.
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