कोरबा। वनमंडल कोरबा के कुदमुरा रेंज अंतर्गत पोरिया-अमलडीहा में निश्चेतन अवस्था में मिले बीमार व कमजोर मादा हाथी के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो सका है। अब डॉक्टरों द्वारा उसे ग्लूकोज का ड्रीप चढ़ाने की तैयारी की जा रही है।
कल मादा हाथी के जंगल में बेहोश पड़े होने की खबर से वन विभाग के अधिकारियों में हडक़म्प मच गया था। हाथी के बेहोश होने की जानकारी मिलते ही वन मंडलाधिकारी श्रीमती प्रियंका पाण्डेय, एसडीओ आशिष खेलवार के नेतृत्व में वन विभाग के कर्मचारी व अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे और पशु चिकित्सकों को बुलवाकर बीमार हाथी का उपचार कराने के साथ ही उसे बांस बल्ली व रस्सा के सहारे पैरों पर खड़ा कराया। गुड़ के साथ हाथी को दवा देने तथा कटहल देने के बाद मादा हाथी अपने पैरो पर खड़ी तो हो गई लेकिन चल-फिर नहीं पा रही थी। इस दौरान रात हो जाने के कारण अधिकारियों ने वन विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी उसकी निगरानी के लिए लगा दी। वन विभाग के कर्मचारी रात भर बीमार हाथी की निगरानी करते रहे। इस दौरान हाथी ने दवा व गुड़ को खाने के साथ ही कटहल का भी भक्षण किया लेकिन शरीर में विशेष ताकत नहीं आ पाने पर चलने-फिरने लायक नहीं हो सकी।
आज सुबह वन विभाग के अधिकारी पशुचिकित्सकों के साथ दोबारा पोरिया-अमलडीहा पहुंचे और बीमार हाथी का हाल-चाल जानने के साथ ही उसका दोबारा उपचार शुरू करवाया। दवा से विशेष फायदा नहीं होने पर चिकित्सकों ने उसे ग्लूकोज देने की तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच रायपुर के जंगल सफारी से डॉ. राकेश वर्मा व रायगढ़ से डॉ. जयेंद्र खुंटे, हाथी के परीक्षण के लिए रवाना हो चुके है। विशेषज्ञ डॉक्टर जल्द ही कोरबा पहुुंचने के बाद हाथी के स्वास्थ्य का परीक्षण करेंगे। तब तक स्थानीय पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर गुरजेश व सोनी मौके पर मौजूद रहकर विशेषज्ञों से सलाह लेकर उसे दवाई दे रहे है और उसका उपचार कर रहे है। उनकी मदद के लिए रेंजर कुदमुरा संजय लकरा व उनका स्टाफ मौजूद है। आज दूसरे दिन डीएफओ श्रीमती प्रियंका पाण्डेय व एसडीओ आशिष खेलवार अमलडीहा पहुंचकर हाथी का उपचार करवाने डटे रहे।
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