कोरोना के नए वेरिएंट के लक्षण और खतरों से लेकर जरूरी एहतियात तक, जानें सबकुछ…

दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (B.1.1.529) का प्रकोप बढ़ रहा है. वैज्ञानिकों को संदेह है कि यह वेरिएंट कोविड महामारी को एक बार फिर से हवा दे सकता है. दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रॉन वेरिएंट के 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. इसके अलावा बेल्जियम, बोत्सवाना, हांगकांग और इजराइल में भी इस वेरिएंट की पहचान हुई है.

इस वेरिएंट के सामने आने के बाद दुनिया के कई देशों ने दक्षिणी अफ्रीका से आने-जाने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है. चिंता की बात यह है कि कर्नाटक में भी दो दक्षिण अफ्रीकी नागरिक की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इस खबर ने पूरे देश को चिंता में डाल दिया है. बहरहाल दोनों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस नए वेरिएंट के बारे में आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें जरूर जाननी चाहिए.

नए वेरिएंट का नाम ओमीक्रोन ही क्यों पड़ा?

SARS-CoV-2 के वेरिएंट का नाम ग्रीक अल्फाबेट के नाम पर रखा गया है. लेकिन ग्रीक अल्फाबेट में Omicron से पहले दो अक्षर Nu और Xi आते हैं. इन दोनों को छोड़ने के पीछे दो कारण बताए गए. Nu का उच्चारण न्यू (New) से मिलता-जुलता था, जबकि Xi अक्षर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के नाम से मिल रहा था, जिसपर चीन आपत्ति जता सकता था. इसलिए Nu और Xi को Skip करते हुए नए वेरिएंट को Omicron नाम दिया गया.

WHO ने नए वेरिएंट को लेकर क्या कहा?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस नए वेरिएंट को लेकर चिंता जाहिर की है और इसे तकनीकी शब्दावली में वेरिएंट ऑफ कंसर्न (VoC) यानी ‘चिंता वाला वेरिएंट’ बताया है. WHO ने चेतावनी दी है कि इस म्यूटेशन के चलते संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. यह काफी तेजी से और बड़ी संख्या में म्यूटेट होने वाला वेरिएंट है.

वायरस का समय के साथ म्यूटेट होना सामान्य बात है, लेकिन यह तब चिंताजनक हो जाता है, जब वह तेजी से फैलने लगे, नुकसान पहुंचाने लगे और वैक्सीन की प्रभावशीलता से बाहर हो जाए. बता दें कि WHO को इस वेरिएंट की जानकारी पहली बार 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से मिली थी.

क्या ‘ओमीक्रॉन’ ला सकता है कोरोना की तीसरी लहर?

वैज्ञानिकों ने ओमीक्रॉन वेरिएंट से तीसरी लहर के आने की आशंका जताई है. हालांकि इस पर अभी अध्ययन होना बाकी है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह वेरिएंट डेल्टा से 7 गुना ज्यादा तेजी से फैल रहा है. एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इसके संक्रमण का प्रसार भी डेल्टा (Delta Variant) के मुकाबले ज्यादा है. पहचान होने से पहले ही जाने से पहले ही यह वेरिएंट 32 बार म्यूटेट हो चुका है. भारत में फिलहाल इस वेरिएंट वाले किसी मामले की पुष्टि नहीं है.

ओमीक्रॉन वेरिएंट के लक्षणों में कुछ बदलाव भी हैं क्या?

नए वेरिएंट को लेकर अभी बहुत अध्ययन नहीं हुए हैं. कई देशों में एक्सपर्ट्स इसका अध्ययन कर रहे हैं. फिलहाल दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान (NICD) के मुताबिक, अब तक B.1.1.1.529 वेरिएंट के संक्रमण के बाद कोई असामान्य लक्षण दिखाई देने की बात सामने नहीं आई है. NICD ने यह भी बताया कि डेल्टा जैसे अन्य संक्रामक म्यूटेंट के साथ कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट से संक्रमित लोगों में से कुछ मरीज एसिम्प्टोमैटिक यानी बिना लक्षण वाले भी हैं.

हमें अब क्या एहतियात बरतने चाहिए?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दक्षिणपूर्वी एशिया क्षेत्र के देशों से सतर्कता बढ़ाने और जन स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने को कहा है. डब्ल्यूएचओ ने शादी या अन्य समारोहों, उत्सवों और भीड़ वाले आयोजनों में सभी एहतियाती उपाय करने की सलाह दी है. डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह का कहना है कि हमें किसी भी कीमत पर लापरवाही नहीं करनी है. उन्होंने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए व्यापक और जरूरत के अनुसार सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं और सामाजिक उपाय जारी रखने चाहिए.

उन्होंने चेताया है कि सुरक्षात्मक कदम जितने जल्दी लागू किए जाएंगे, देशों को उतने ही कम प्रतिबंध लागू करने होंगे. कोविड जितना फैलेगा, वायरस को उतना ही म्यूटेट होने यानी स्वरूप बदलने का अवसर मिलेगा और यह महामारी उतने ही ज्यादा दिनों तक बनी रहेगी.