संविधान दिवस के उपलक्ष्य में स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एम पी सिंह ने आमजन को किया जागरूक

अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एम पी सिंह ने बताया हर भारतीय नागरिक के लिए हर साल 26 नवंबर का दिन बेहद खास होता है। दरअसल यही वह दिन है जब देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था। यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य में हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं। हर वर्ष 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है।

26 नवंबर, 1949 को ही देश की संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था। हालांकि इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसके कई हिस्से यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिये गये हैं। इसमें देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की शक्तियों का वर्णन किया गया है। विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का क्या काम है, उनकी देश को चलाने में क्या भूमिका है, इन सभी बातों का जिक्र संविधान में है। लेकिन आज के समय में हर कोई बहुत ही ब्यस्त हैं जिन्हें अपनी सेहत के प्रति कुछ भी ध्यान नहीं है हम आपको जानकारी दे रहे हैं जो आपके जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी हैं l भारतीय संस्कृति में तुलसी को बहुत पवित्र माना गया है। इसका उपयोग आमतौर पर चाय को सुगंधित बनाने के लिए किया जाता है। हालांकि, इसका उपयोग कई बीमारियों में घरेलू उपचार के तौर पर भी किया जाता है। आपके स्वास्थ्य के लिए इसके अनगिनत फायदे हैं। तुलसी को केवल उपचार ही नहीं बल्कि यह पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति का अभिन्न हिस्सा रही है। तुली के पत्तों में विटामिन ए, विटामिन डी, आयरन और फाइबर होते हैं।
सुबह खाली पेट तुलसी के पत्ते खाने से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं। तुलसी के पत्ते पाचन को सही रखने में मदद करते हैं। इसके साथ ही ऐसिडिटी और पेट में जलन की परेशानी को भी यह दूर रखता है। बॉडी के पीएच लेवल को मेनटेन करने में भी तुलसी मददगार साबित होती है।
सुबह खाली पेट तुलसी के पत्तों का सेवन करने से स्ट्रेस कंट्रोल में रहता है। इसमें अडैप्टोजेन पाए जाते हैं जो स्ट्रेस के साथ नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करते हुए ब्लड फ्लो को सुधारता है। इसके साथ ही पत्तों से सिरदर्द में भी राहत मिलती है । ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. हृदयेश कुमार ने बताया कि पाचन क्रिया को सही रखने के लिए सुबह खाली पेट तलसी के पत्ते खाएं। साथ ही एसेडिटी और पेट में जलन की परेशानी को भी यह दूर रखता है। बॉडी के पीएच लेवल को मेनटेन करने में भी काफी मददगार साबित होती है। ब्लड शुगर कंट्रोल:ब्लड शुगर कंट्रोल में रखना है तो तुलसी के पत्ते खाली पेट खाना शुरू कर दें।


सर्दी खांसी :सर्दी खांसी के लिए तुलसी में ऐंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं। सुबह खाली पेट तुलसी का एक पत्ता खाएं, इससे कुछ ही दिनों में आपको सर्दीखांसी से राहत मिल जाएगी।
इम्यूनिटी बूस्टर:यह एंटीऑक्सिडेंट में भरपूर होता है और इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। जिसकी वजह से शरीर को विभिन्न संक्रमणों से बचाता है और हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से लड़ता है। इसे इम्यूनिटी बूस्टर भी कहा जाता है, इसके सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है। सांस की समस्या :सांस की समस्यों में तुलसी काफी उपयोगी है। शहद अदरक और तुलसी को मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। इसके साथ ही तुलसी के पत्ते से सांस की बदबू की परेशानी भी दूर होती है। इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए ट्रस्ट के राष्ट्रीय महासचिव महेश शर्मा ,महासचिव चन्द्रभान शर्मा राष्ट्रीय प्रभारी धर्मेन्द्र चौधरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुंवर लखन रावत, राष्ट्रीय सचिव नीलम शर्मा, राष्ट्रीय सचिव तेवतिया, राष्ट्रीय सचिव डॉ महेंद्र भारद्वाज, राष्ट्रीय सचिव सुष्मिता भौमिक, राष्टीय सचिव पूनम चौधरी , उपाध्यक्ष बंटी कोहली ट्रस्टी विमलेश देवी व लालती मिश्रा व उत्तर प्रदेश अध्यक्ष निधि चौधरी व प्रदेश सचिव सुदर्शन सिंह, प्रदेश सचिव शिव शंकर राय, सुनीता कुमारी, नीरज कुमार, वेदवीर सिंह, पुस्पेन्द्र सिंह और रानी पाण्डेय आदि ने संकल्प लिया व
उपस्थित रही l