भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के अनुसार, स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत अगस्त 2022 से शुरू हो जाएगा. नौसेना प्रमुख मुंबई में एक समारोह में बोल रहे थे जब चौथी स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस वेला को आज भारतीय नौसेना में शामिल किया गया. करमबीर सिंह ने आईएनएस वेला के संबंध में टिप्पणी की, उन्होंने कहा,”आईएनएस विक्रांत ने एक सफल समुद्री परीक्षण पूरा कर लिया है. अगस्त 2022 तक, हमें आईएनएस विक्रांत को शुरू करने में सक्षम होना चाहिए”. उन्होंने कहा कि चौथी स्कॉर्पीन-श्रेणी की पनडुब्बी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण होगी राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा के लिए नौसेना की क्षमताएं.
नौसेना प्रमुख ने कहा, आईएनएस वेला में पनडुब्बी संचालन के पूरे स्पेक्ट्रम को शुरू करने की क्षमता है. आज की गतिशील और जटिल सुरक्षा स्थिति को देखते हुए, इसकी क्षमता और मारक क्षमता भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए नौसेना की क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.नौसेना प्रमुख ने कहा कि पी-75 परियोजना भारत और फ्रांस के बीच बढ़ती रणनीतिक समानता का प्रतिनिधित्व करती है.उन्होंने कहा, “आज की शुरुआत इस स्थायी साझेदारी में एक और उच्च बिंदु है. हमने परियोजना ने 75 के आधे रास्ते को पार कर लिया है.” नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय नौसेना चीन और पाकिस्तान के बीच रक्षा सहयोग पर करीब से नजर रखे हुए है.
चीन और पाकिस्तान के गठजोड़ पर भारत की पैनी नजर
सिंह ने कहा, “हम चीन और पाकिस्तान के बीच रक्षा सहयोग की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. चीन से पाकिस्तान द्वारा हाल ही में की गई खरीद से गतिशीलता बदल सकती है, इसलिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है.” आगे COVID-19 और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव के बारे में बात करते हुए, नौसेना प्रमुख ने कहा कि यह नौसेना स्टाफ के प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल की सबसे कठिन चुनौती थी.”कोविड नेवल स्टाफ के प्रमुख के रूप में मेरे कार्यकाल की सबसे कठिन चुनौती थी और एलएसी पर तनाव उसी अवधि के दौरान था, इसलिए चुनौती कठिन हो गई. जहाजों पर शारीरिक दूरी बनाए रखना हमारे लिए संभव नहीं था, लेकिन हमने सब कुछ लड़ा.”
एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि नेवी चीफ के रूप में उनके सामने सबसे बड़ा चैलेंज कोरोना महामारी को लेकर था. इसके अलावा सीमा पर तनाव भी उसी दौरान हुआ था, जिससे हालात खराब हो गए थे और चुनौती बढ़ गई थी. युद्धपोत पर जगह कम होने की वजह से वहां पर एक दूसरे से दूरी बनाए रखना संभव नहीं हो पाता था. लेकिन हमनें हालातों से जंग की और जीते.नेवी चीफ ने कहा कि आईएनएस वेला के आने के बाद से देश की नौसेना की ताकत कहीं अधिक बढ़ जाएगी. इससे देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत किया जा सकेगा. प्रोजेक्ट 75 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इससे भारत और फ्रांस के संबंध और अधिक मजबूत होंगे. सबमरीन के जलावतरण को उन्होंने बेहद खास वक्त बताया. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट 75 के तहत जितनी सबमरीन बननी हैं उनमें से आधी तैयार हो चुकी हैं.
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