भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा के गोवा दौरे का आज दूसरा दिन है. जानकारी के मुताबिक, नड्डा आज उत्तरी गोवा के सत्तारी और बिचोलिम में दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे. बता दें, गोवा में 2022 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है. वहीं, नड्डा आज चुनावी मुहिम में लगे कार्यकर्ताओं के साथ कार्यकर्ता सम्मेलन करेंगे.
बता दें, गोवा विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिहाज से बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के इस दौरे को काफी अहम माना जा रहा है. नड्डा अपने दो दिवसीय दौरे में चुनाव प्रभारी, राज्य प्रभारी, मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश के आला नेताओं के साथ बैठक कर राज्य की चुनावी परिस्थितियों पर चर्चा करेंगे और साथ ही पार्टी की चुनावी रणनीति और चुनाव से जुड़े मुद्दों पर भी खाच बातचीत करेंगे.
ट्विटर हैंडल के जरिए साझा की जानकारी
नड्डा के कार्यालय के ट्विटर हैंडल के मुताबिक, वे आज वालपो और बिचोलिम में पार्टी कार्यकर्ताओं की दो सभाओं को संबोधित करेंगे. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बीजेपी ने राज्य का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है. इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और सांसद दर्शन जरदोश को राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए सह प्रभारी नियुक्त किया गया है.
डॉक्टरों को किया संबोधित
बता दें, नड्डा डाबोलिम हवाई अड्डे पर उतरे और बाद में पणजी गए. जहां उन्होंने अपने दो दिवसीय गोवा दौरे के पहले दिन डॉक्टरों के एक सम्मेलन को संबोधित किया. ये कार्यक्रम बीजेपी के गोवा मेडिकल सेल द्वारा आयोजित किया गया था. इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सदानंद शेत तनावडे, गोवा बीजेपी चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ शेखर सालकर मौजूद थे.
गोवा में विधानसभा चुनाव 2022 की शुरुआत में होने हैं. पिछले महीने तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई को दो ज्ञापन सौंपे. इसमें उन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के इस्तीफे की मांग की है. इस प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा सांसद सौगत रॉय, पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, गोवा के पूर्व सीएम लुइजिन्हो फलेरियो, गोवा टीएमसी नेता स्वाति केरकर और डोरिस टेक्सीरा भी शामिल थे.पहले ज्ञापन में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के इस्तीफे की मांग की गई है और इसके साथ ही पूर्व राज्यपाल सत्य पाल मलिक द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर बीजेपी शासित राज्य सरकार के खिलाफ उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की गई.
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