भगवान को चिट्ठी लिखी है आपने? कर्नाटक के इस मंदिर में लोग लिखते हैं खत- हे देवी, मनोकामना पूरी करें… जानें पूरी कहानी..

Hasanamba Temple: चिट्ठियों का एक बड़ा ही स्वर्णिम दौर रहा है. जिस जमाने में मोबाइल, टेलीफोन वगैरह नहीं होते थे, उस दौर में चिट्ठियां ही थीं, जो अपनों से दूर रहते हुए संदेश, बातचीत वगैरह का माध्यम थी. अब चिट्ठियों का दौर लगभग खत्म होने लगा है. खैर, हमारा सवाल ये है कि क्या आपने कभी भगवान को चिट्ठी लिखी है? नहीं न! आप सोच रहे होंगे कि ये कैसा सवाल है भला! लेकिन हम आपको बता दें कि कर्नाटक के हासन में एक मंदिर है, जहां लोग ईश्वर को चिट्ठी लिखते हैं.

हम बात कर रहे हैं, हसनंबा मंदिर (Hasnamba Temple) की, जो हासन (Hassan, Karnataka) का एक मशहूर मंदिर है. आपको बता दें कि यह मंदिर साल में सिर्फ 9 दिन खुलता है, जबकि साल के 356 दिन बंद रहता है. बताया जाता है कि हसनंबा मंदिर होयसल वंश के राजाओं द्वारा 12वीं शताब्दी में बनवाया गया था. हालांकि मुख्य द्वार पर स्थित गोपुरम 12वीं शताब्दी के बाद का है. गर्भगृह में मूर्ति स्थापना के बारे में भी पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है.

हम बात कर रहे हैं, हसनंबा मंदिर (Hasnamba Temple) की, जो हासन (Hassan, Karnataka) का एक मशहूर मंदिर है. आपको बता दें कि यह मंदिर साल में सिर्फ 9 दिन खुलता है, जबकि साल के 356 दिन बंद रहता है. बताया जाता है कि हसनंबा मंदिर होयसल वंश के राजाओं द्वारा 12वीं शताब्दी में बनवाया गया था. हालांकि मुख्य द्वार पर स्थित गोपुरम 12वीं शताब्दी के बाद का है. गर्भगृह में मूर्ति स्थापना के बारे में भी पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है.

इस मंदिर की देवी के बारे में पौराणिक मान्यता है कि जब अंधकासुर नाम के राक्षस ने ब्रह्माजी से अदृश्य होने का वरदान पाया तो वह खूब अत्याचार मचाने लगा. भगवान शिव ने अपनी शक्तियों से योगेश्वरी को उत्पन्न कर उनके ही हाथों राक्षस का अंत कराया. योगेश्वरी के साथ 7 देवियां (सप्तमातृका) ब्राह्मी, महेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही, इंद्राणी और चामुण्डी आई थीं. उन देवियों को हासन इतना पसंद आया कि वे यहीं निवास करने लगीं.

इस मंदिर की देवी के बारे में पौराणिक मान्यता है कि जब अंधकासुर नाम के राक्षस ने ब्रह्माजी से अदृश्य होने का वरदान पाया तो वह खूब अत्याचार मचाने लगा. भगवान शिव ने अपनी शक्तियों से योगेश्वरी को उत्पन्न कर उनके ही हाथों राक्षस का अंत कराया. योगेश्वरी के साथ 7 देवियां (सप्तमातृका) ब्राह्मी, महेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही, इंद्राणी और चामुण्डी आई थीं. उन देवियों को हासन इतना पसंद आया कि वे यहीं निवास करने लगीं.

मंदिर में हर साल 'हसनंबा महोत्सव' लगता है. इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और देवी के नाम अपनी मनोकामनाओं के बारे में चिट्ठी लिखते हैं. ऐसी कई सारी चिट्ठियां वायरल हो चुकी हैं, जिनमें लोग अजीबोगरीब मांग करते हैं. एक छात्र ने देवी से परीक्षा में 90 फीसदी नंबर आने की अर्जी लगाई थी तो वहीं एक पिता ने अपने बेटे के लिए खूबसूरत पत्नी की मांग की थी. लोग सड़क बनवाने और विधायक की हार तक के लिए भी खत लिख चुके हैं.

मंदिर में हर साल ‘हसनंबा महोत्सव’ लगता है. इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और देवी के नाम अपनी मनोकामनाओं के बारे में चिट्ठी लिखते हैं. ऐसी कई सारी चिट्ठियां वायरल हो चुकी हैं, जिनमें लोग अजीबोगरीब मांग करते हैं. एक छात्र ने देवी से परीक्षा में 90 फीसदी नंबर आने की अर्जी लगाई थी तो वहीं एक पिता ने अपने बेटे के लिए खूबसूरत पत्नी की मांग की थी. लोग सड़क बनवाने और विधायक की हार तक के लिए भी खत लिख चुके हैं.

हासन पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट बेंगलुरु है, जहां से मंदिर की दूरी करीब 207 किलोमीटर है. वहीं, मैसूर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी करीब 127 किमी है. रेलमार्ग की बात करें तो ये जगह मंगलौर, बेंगलुरु, शिवमोगा और मैसूर जैसे शहरों से जुड़ी हुई है. हासन जंक्शन पहुंचने के बाद महज 2.6 किमी की दूरी पर यह मंदिर है. हासन, सड़क मार्ग होकर भी कई शहरों से जुड़ा हुआ है.

हासन पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट बेंगलुरु है, जहां से मंदिर की दूरी करीब 207 किलोमीटर है. वहीं, मैसूर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी करीब 127 किमी है. रेलमार्ग की बात करें तो ये जगह मंगलौर, बेंगलुरु, शिवमोगा और मैसूर जैसे शहरों से जुड़ी हुई है. हासन जंक्शन पहुंचने के बाद महज 2.6 किमी की दूरी पर यह मंदिर है. हासन, सड़क मार्ग होकर भी कई शहरों से जुड़ा हुआ है.

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