कोरबा,20 नवम्बर (वेदांत समाचार)। आम जनता को रियायती कीमत पर मकान देने की मंशा से सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, पर हाउसिंग बोर्ड के अफसर इस महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगा रहे हैं। गृह निर्माण मंडल मकान आवंटन से पहले सभी सुविधाएं देने का दावा करता है, लेकिन कॉलोनियों में घूमने पर इन दावों की पोल खुल जाती है। जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही के चलते शहर की कई कॉलोनियां सालों बाद भी आबाद नहीं हो सकी है। रामपुर कोरबा का हाल बेहाल है पानी की समस्या, यहां डेली बेसे पर रखे गए कर्मचारियों की मनमानी से कालोनीवासी काफी परेशान है ,अगर उसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करो तो अधकारी कहते है अगर कोई काम है कालोनियों में तो बाहर से लेबर जाओ और अपने घर काम करवा लो।
ऐसी अनेक शिकायत मिल रही है और जो नय हाउसिंग बोर्ड, आवासीय परिसर बनाने में लापरवाही बरत रहा है। अधिकारी वहां सुविधाएं उपलब्ध करवाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे यहां रहने वालों को भविष्य में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। जनता की शिकायत पर टीम ने मौके पर पड़ताल की। गंभीर बात यह है कि आवंटन के कुछ साल के भीतर ही घरों की दीवारों में दरारें आनी शुरू हो गईं। लोगों ने अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। वादे के मुताबिक हाउसिंग बोर्ड को इन कॉलोनियों में डामरीकृत सड़क, स्ट्रीट लाइट, विकसित उद्यान, खेल मैदान, स्कूल के लिए जमीन, पौधरोपण, हर मकान में 500 लीटर वाली पानी की टंकी और सामुदायिक भवन बनाकर देना था। इनमें से मौके पर कोई नहीं है। अधिकारियों का कहना है मकान हैंडओवर करने के बाद उनकी जिम्मेदारी खत्म हो गई है। लोगों को खुद रखरखाव करना होगा। जबकि लोगों को लग रहा है, उनके साथ धोखा किया गया है।
दूसरी कॉलोनियों की तरह हैं। बोर्ड ने सुरक्षा इंतजाम नहीं किए हैं। कई मकानों के दरवाजे-खिड़कियां चोरी हो चुके हैं।
[metaslider id="347522"]