17 नवंबर (वेदांत समाचार)।अजमेर में चल रहे पुष्कर मेले में इन दिनों में 24 करोड़ रुपए की कीमत वाले भैंसे भीम की चर्चा है.भीम को देखने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ लग रही है.जोधपुर में रहने वाले इसके मालिक अरविंद जांगिड का कहना है, अफगानिस्तान से आए एक शेख ने 24 करोड़ रुपए में भीम की बोली लगाई थी, लेकिन मैं इसे नहीं बेचना चाहता. वह कहते हैं, इससे पहले 2018 और 2019 में वो भीम को इस मेले में ला चुके हैं. यह कई अवॉर्ड भी जीत चुका है.
सबसे बड़ी वजह है इसकी नस्ल और रखरखाव का खर्च. भीम मुर्रा नस्ल का भैसा है. इस नस्ल से पैदा होने वाली भैंसे करीब 20 से 30 लीटर रोजाना दूध देती हैं. इसलिए इसके सीमेन की दुनियाभर में मांग रहती है. 14 फीट लम्बे और 6 फीट ऊंचे भीम का वजन 1500 किलो है. इसके रखरखाव पर हर माह करीब 2 लाख रुपए पर खर्च होता है.
मालिक अरविंद के मुताबिक, 2019 में जब भीम को पुष्कर मेले में लाया गया था तो इसका वजन 1300 किलो था जो अब बढ़कर 1500 किलो हो गया है. 2019 में इसकी बोली 21 करोड़ रुपए लगाई गई थी, लेकिन अब तक हमें 24 करोड़ देने की बात कही जा चुकी है. इतनी कीमत पर भी हम इसे बेचने को तैयार नहीं हैं
अरविंद के मुताबिक, भीम की खुराक काफी हैवी है. यह रोजाना एक किलो घी,आधा किलो मक्खन, 200 ग्राम शहद और 25 लीटर दूध पीता है. इसके अलावा एक किलो काजू-बादाम खिलाया जाता है. यह इसक तंदरुस्ती का राज है, जो इसे बाकी भैसों से अलग बनाता है.
अरविंद का कहना है, हम मुर्रा नस्ल को संरक्षित करना चाहते हैं, इसलिए इसे पशु मेले में प्रदर्शन के लिए लाए हैं. अरविंद पुष्कर के अलावा नागौर, देहरादून समेत कई पशु मेले में भीम का प्रदर्शन कर चुके हैं. भीम पशु प्रतियोगिता से जुड़े कई पुरस्कार जीत चुका है
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