BHU को 8 महीने बाद मिला नया कुलपति, प्रो सुधीर जैन इसी हफ्ते ग्रहण करेंगे कार्यभार…

16 नवंबर (वेदांत समाचार)। प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) का नया कुलपति नियुक्त किया है. बीएचयू के रजिस्ट्रार कार्यालय ने प्रोफेसर जैन (Prof Sudhir Kumar Jain) को तीन साल की अवधि के लिए कुलपति नियुक्त किया है. करीब 8 महीने के इंतजार के बाद यूनिवर्सिटी को नया कुलपति मिला है.

बीएचयू के प्रवक्ता राजेश सिंह ने कहा कि प्रोफेसर जैन विश्वविद्यालय (BHU) के 28वें कुलपति के रूप में कार्यभार ग्रहण करेंगे. नए कुलपति के तौर पर इसी हफ्ते काम शुरू कर सकते हैं. बता दें कि, इस साल 28 मार्च को प्रो राकेश भटनागर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, प्रोफेसर वी के शुक्ला कार्यवाहक कुलपति के रूप में मामलों को देख रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रोफेसर जैन के पदभार ग्रहण करने की तारीखों की घोषणा जल्द की जाएगी.

दिसंबर 2020 से ही शुरू है नियुक्ति प्रक्रिया

बीएचयू में नए कुलपति की नियुक्ति के लिए 11 महीने पहले (दिसंबर 2020) से ही प्रक्रिया शुरू हो गई थी. इस दौरान दो बार कुलपति पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन भी जारी हुआ. प्रो सुधीर कुमार जैन IIT कानपुर में सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर रह चुके हैं. वर्तमान में वह IIT गांधीनगर के डायरेक्टर के तौर पर तीसरी बार सेवाएं दे रहे हैं.

आईआईटीयन कुलपति

IIT गांधीनगर के निदेशक प्रो. सुधीर कुमार जैन बीएचयू के पहले कुलपति होंगे जो आईआईटियन हैं. उनकी कार्यशैली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह आईआईटी गांधीनगर में निदेशक के पद पर लगातार तीसरी बार सेवा दे रहे थे. इसके पूर्व आईटी बीएचयू (वर्तमान में आईआईटी बीएचयू) के निदेशक रहे प्रो. राजीव संगल को कुलपति पद का कार्यभार दिया गया था. इस तरह स्थायी कुलपति के रूप में प्रो. जैन पहले आईआईटियन कुलपति हैं.

प्रोफेसर जैन ने 1979 में रुड़की विश्वविद्यालय से बीए किया और फिर 1980 और 1983 में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पासाडेना से एमएस और पीएचडी पूरी की. प्रो जैन सूचना और साहित्य के प्रसार और भूकंप आपदाओं के खिलाफ क्षमता निर्माण के उद्देश्य से आईआईटी कानपुर में भूकंप इंजीनियरिंग के राष्ट्रीय सूचना केंद्र की अवधारणा और विकास किया. प्रोफेसर जैन ने देश में इंजीनियरिंग, वास्तुकला और पॉलिटेक्निक के कॉलेजों में भूकंप इंजीनियरिंग विकसित करने के उद्देश्य से काम किया है.