05 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। राजस्थान के सिरोही जिले में टैक्सी ड्राइवर और कैसेट रिकॉर्डिंग करने वाले 2 भाइयों ने 20 लाख निवेशकों (Investor) के 14 हजार करोड़ रुपए हजम करके देश का सबसे बड़ा को-ऑपरेटिव घोटाला किया था. जहां दोनों भाइयों ने आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी बनाकर स्कैम की वारदात को अंजाम दिया. इस दौरान आरोपियों ने फर्जी कंपनी बनाकर अपने परिवार वालों को मुकेश अंबानी से भी ज्यादा सैलरी बांटी. वहीं, 19 साल पुराने इस घोटाले की परतें 3 साल पहले खुली थीं. बीते दिनों पिछले दिनों राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश ने पीड़ितों को थोड़ी राहत दी है, जिससे उनके रुपए वापस मिलने की कुछ उम्मीद बनती नजर आ रही है.
दरअसल, आदर्श क्रेडिट सोसाइटी के फ्रॉड का मामला 14 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का है. इस मामले में पुलिस और SOJ की टीम पहले भी कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. ये राज्य में सबसे बड़े फ्रॉड में से एक है. इस सोसायटी ने देश के 28 राज्यों में 806 शाखाएं खोलीं. इनमें से 309 राजस्थान में थीं. सोसायटी की ओर से लोगों को झांसा दिया जाता था कि उनकी निवेश की हुई रकम कंपनियों व लोगों को ऊंची ब्याज दर पर लोन के रूप में दी जा रही है.
हाईकोर्ट के आदेश से निवेशकों को रकम मिलने की उम्मीद बंधी
बता दें कि इस झांसे में आकर 8 साल में 20 लाख लोगों ने 14800 करोड़ रुपए का निवेश सोसाइटी में किया था. इनके संचालकों ने रिश्तेदारों के नाम पर ही 45 फर्जी कंपनियां खोलीं और सोसाइटी में निवेश की गई रकम में से 12414 करोड़ रुपए इन्हीं फर्जी कंपनियों को बतौर लोन देना दर्शा दिया. सोसाइटी में लगे लोगों के पैसे से संचालकों ने पूरे देश में संपत्ति खरीदी. वहीं, इसमें कोऑपरेटिव सोसायटी के मुकेश मोदी, राहुल मोदी सहित अन्य लोगों में उसकी मां मधु शर्मा और कृतिका शर्मा को सोसायटी में निवेश का झांसा दिया.
इस दौरान हजारों रुपए निवेश करवाने के बाद तीन बॉन्ड दिए और कहा कि एक निश्चित समय में लाभांश के साथ निवेश की राशि वापस लौटा दी जाएगी. हालांकि अब न तो निवेश की राशि लौटाई गई और न ही लाभांश दिया गया. फिलहाल हाई कोर्ट के आदेश के बाद निवेशकों के रुपए मिलने की उम्मीद बंधी है.
[metaslider id="347522"]