15 नवंबर (वेदांत समाचार)। दिल्ली में डेंगू ने 5 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. दिल्ली में इस साल डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 5 हजार के पार पहुंंच गया है. डेंगू के मामले बीते 5 साल में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है. बीते एक हफ्ते में ही 2569 डेंगू मरीज आए.
नगर निकाय की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में इस साल डेंगू मरीजों का कुल आंकड़ा 5277 तक पहुंच चुका है. अब तक डेंगू से दिल्ली में 9 मरीजों की मौत हुई है. बीते एक हफ्ते के दौरान एक भी मौत दर्ज नहीं की गई है.
इस साल डेंगू से अबतक नौ की मौत
राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू के कारण तीन और मरीजों की मौत हो जाने के बाद यहां अबतक इस बीमारी से नौ लोगों की जान जा चुकी है इसके साथ ही इसके मामले 5 हाजर के पार चले गये हैं. सोमवार को जारी किये गये एक आंकड़े से यह जानकारी सामने आयी. दिल्ली में 2017 के बाद से किसी साल में डेंगू से यह सर्वाधिक मौत है. उस साल आधिकारिक रूप से डेंगू के 10 मरीजों की मौत हुई थी. नगर निकाय द्वारा सोमवार को इस मच्छर जनित बीमारी पर जारी किये गये आंकड़े के मुताबिक, पिछले एक सप्ताह में 1170 से अधिक नये मामले सामने आये हैं.
इस साल जो डेंगू के 2700 से ज्यादा मामले सामने आये हैं, उनमें 1171 तो इस महीने के छह तारीख तक के हैं . अक्टूबर में डेंगू के 1196 मामले आये थे. इस साल 30 अक्टूबर तक डेंगू के कुल मामले 1537 थे और मौत का आधिकारिक आंकड़ा छह था.
रिपोर्ट के अनुसार, इस सीजन में नौ नवंबर तक डेंगू से नौ लोगों की जान गयी और अब तक 5 277 लोग इससे पीड़ित हुये. यह 2018 के बाद इसी अवधि में डेंगू का सर्वाधिक आंकड़ा है. इस साल सितंबर में 217 मामले आये, जो पिछले तीन साल में उस महीने में डेंगू का यह सर्वाधिक आंकड़ा था.
दिल्ली-एनसीआर के 43 प्रतिशत लोगों ने माना, परिवार में या करीबियों को हुआ डेंगू
डिजिटल मंच ‘लोकल सर्किल्स’ पर किए गए सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के 43 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके परिवार में या उनके किसी करीबी को इस साल डेंगू हुआ है. अगस्त के मध्य से, दिल्ली-एनसीआर के कई निवासियों ने ‘लोकल सर्किल्स’ पर उनके परिवार में किसी न किसी को तेज बुखार, थकान और जोड़ों में दर्द जैसे डेंगू के लक्षण होने की जानकारी दी. सर्वेक्षण में 15000 प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिनमें से गाजियाबाद के 57 प्रतिशत, दिल्ली में 45 प्रतिशत, नोएडा के 44 प्रतिशत, फरीदाबाद के 40 प्रतिशत और गुड़गांव के 29 प्रतिशत लोग थे.
[metaslider id="347522"]