अमरावती बंद में भागीदार कई बीजेपी नेताओं की हुई गिरफ्तारी, पूर्व कृषि मंत्री भी हुए अरेस्ट…

महाराष्ट्र 15 नवंबर (वेदांत समाचार)। अमरावती में बंद के दौरान मोर्चे में शामिल भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी शुरू हो गई है. पुलिस ने कई भाजपा नेताओं के घरों पर छापेमारी की है. शहर कोतवाली पुलिस ने पूर्व कृषि मंत्री अनिल बोंडे को किया गिरफ्तार कर लिया है. बीजेपी प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी को भी अरेस्ट किया गया है. अब तक 13 बीजेपी कार्यकर्ताओं को अरेस्ट किया जा चुका है. आज और भी बीजेपी नेताओं की गिरफ्तारी की संभावना है. बंद और हिंसा के सिलसिले में अब तक शहर में 15 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं.अब तक 50 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. गिरफ्तारी के वक्त अनिल बोंडे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, ‘कितनी भी कोशिश की जाए, हमारी आवाज दबाई नहीं जा सकेगी’.

बीजेपी ने इन गिरफ्तारियों की आलोचना की है. बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि, ‘त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र में रज़ा अकादमी द्वारा सोची-समझी साजिश के तहत हिंसा भड़काई गई, तोड़फोड़ और पथराव कर दुकानें बंद करवाई गईं. दूसरे दिन इस हिंसा के विरोध में बीजेपी ने अमरावती बंद का आह्वान किया. क्या लोकतंत्र में विरोध का अधिकार नहीं है?उत्पात मचाने वालों को बचाया जा रहा है, हिंदुओं को दबाया जा रहा है. महाराष्ट्र में अमरावती, नांदेड़ और मालेगांव के हिंसा भड़काने वालों पर कार्रवाई नहीं हो रही है बल्कि राजनीतिक दुश्मनी के तहत चुन-चुन कर बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है.’

अमरावती में तनावपूर्ण शांति, धारा 144 नागपुर में भी लागू

इस बीच अमरावती में तनावपूर्ण शांति कायम है. आज कहीं से किसी हिंसक घटना की कोई खबर नहीं है. चार दिनों के लिए धारा 144 लागू है, इंटरनेट सेवा बंद है. पुलिस बल शहर के संवेदनशील ठिकानों  पर गश्त कर रहे हैं. इस बीच सावधानी बरतते हुए नागपुर में भी धारा 144 लागू किया गया है. प्रशासन की ओर से अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जानेे की चेतावनी दी गई है.

कल बीजेपी कार्यकारिणी की अहम बैठक, रज़ा अकादमी पर प्रतिबंध लगाने की उठेगी मांग 

इस बीच कल (मंगलवार, 16 नवंबर) को बीजेपी कार्यकारिणी की अहम बैठक है. इस बैठक में त्रिपुरा की घटना के बाद हुए महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों में हुई हिंसा के लिए रजा अकादमी को  जिम्मेदार मानते हुए बीजेपी इस संगठन के खिलाफ प्रतिबंध की मांग उठाएगी. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने इस संबंध में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जब 2014 से 2019 के बीच देवेंद्र फडणवीस की सरकार थी तब राज्य में एक भी दंगा नहीं हुआ. लेकिन महा विकास आघाडी सरकार के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट हुई है. कानून का कोई डर ही नहीं रह गया है.

बीजेपी ने हिंसा भड़काने के आरोप को गलत बताया 

उन्होंने कहा कि राज्य में जो कुछ भी होता है, आरोप बीजेपी पर मढ़ दिया जाता है. यह बात हास्यास्पद है. शुरुआत किसने की, यह देखिए. बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अमरावती हिंसा को लेकर कहा था कि बांग्लादेश में हुए हिंदुओ पर हमले को लेकर हिंदू संगठनों ने त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन किया. यह अफवाह फैलाई गई कि इस प्रदर्शन के दौरान वहां मस्जिद को नुकसान पहुंचाया गया है. जो बात झूठ है, मस्जिद के सही सलामत होने का फोटो भी जारी किया गया था. इसके बावजूद महाराष्ट्र में हिंसक प्रदर्शन किया गया. हिंदुओं पर हमले हुए.

बीजेपी नेता नितेश राणे ने इसके लिए रजा अकादमी को जिम्मेदार ठहराते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. लेकिन शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि रजा अकादमी की इतनी औकात नहीं है कि राज्य के अलग-अलग इलाकों में दंगे भड़काए. त्रिपुरा की घटना का असर महाराष्ट्र में क्यों दिखाई दे रहा है? यूपी,एमपी, बिहार में क्यों नहीं? यानी महाराष्ट्र की सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही है.

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]