पंजाब 14 नवंबर (वेदांत समाचार)। अभिनेता सोनू सूद ने रविवार को बताया कि उनकी बहन मालविका सूद पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं. हालांकि सूद ने कहा कि उन्होंने अभी पार्टी के बारे में फैसला नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि “सही समय आने पर इसकी घोषणा” कर दी जाएगी. मोगा में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि मालविका तैयार है, लोगों की सेवा करने की उसकी प्रतिबद्धता का कोई जोड़ नहीं है. संभावना है कि मालविका सूद मोगा सीट से ही चुनाव लड़ सकती हैं.
खुद राजनीति में आने को लेकर सूद ने कहा, “पहले मालविका को समर्थन करना महत्वपूर्ण है. वो मोगा में हमारे जड़ों से जुड़ी हुई है. मैं अपनी योजना बाद में बताऊंगा. स्वास्थ्य का मुद्दा मालविका की पहली प्राथमिकता होगी. अगर वो चुनी जाती है, तो वो यह सुनिश्चित करेगी कि मरीजों का इलाज मुफ्त में हो. साथ ही वो राज्य में बेरोजगारी के मुद्दे को भी उठाएगी. पंजाब के युवा ड्रग्स के रास्ते पर तभी जाते हैं, जब उनके पास काम नहीं होता है. हम इस पर पहले से काम कर रहे हैं.”
सोनू सूद ने हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मुलाकात की थी. अटकलों को लेकर उन्होंने कहा कि वे दूसरे दलों के नेताओं से मिल सकते हैं. पिछले साल कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान कई प्रवासी कामगारों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचने के लिए रेल, हवाई और सड़क के जरिए मुफ्त बस की व्यवस्था करने के बाद सोनू सूद ने सुर्खियां बटोरीं थी. इसके अलावा कोविड की दूसरी लहर के दौरान भी उन्होंने लोगों की काफी मदद की थी.
अरविंद केजरीवाल से भी की थी मुलाकात
इससे पहले उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की थी. हालांकि उस वक्त उन्होंने कहा था कि राजनीति के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई. दिल्ली सरकार ने अगस्त में घोषणा की थी कि बॉलीवुड कलाकार सोनू सूद ‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम के ब्रांड ऐम्बेसेडर होंगे.
सितंबर में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सोनू सूद और उनके संगठन पर 20 करोड़ रुपए की कर चोरी का आरोप लगाया था. उनके संगठन पर आयकर विभाग की छापेमारी भी की गई थी. इसके बाद सीबीडीटी ने दावा किया था कि छापेमारी में पाया गया है कि सूद ने कई फर्जी संस्थाओं से फर्जी तरीके से ऋण के रूप में ‘‘बेनामी आय’’ अर्जित की. इन आरोपों पर सूद ने कहा था कि उनके संगठन का एक-एक रुपया जरूरतमंद और अनमोल जीवन को बचाने के लिए ‘‘अपनी बारी का इंतजार’’ कर रहा है.
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