गन्ना, कपास और जूट किसानों के हित में केंद्र सरकार ने लिए कई निर्णय, आय बढ़ाने में मिलेगी मदद

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के हित में कई फैसले लिए हैं. सरकार की कोशिश किसानों की आय को बढ़ाने की है. इसी के तहत गन्ना, कपास और जूट किसानों को ध्यान में रखकर लिए गए फैसले से उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी. सरकार ने पेट्रोल में मिलाए जाने वाले एथनॉल की कीमतों में दिसंबर से शुरू होने वाले मार्केटिंग ईयर 2021-22 में 1.47 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की मंजूरी दे दी है. वहीं बीते 7 वर्षों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी गई कपास की फसल पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए भारतीय कपास निगम को 17,408 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं.

वहीं जूट किसानों को लाभ देने के लिए सरकार ने इस वर्ष से पैकेजिंग में जूट के उपयोग को अनिवार्य कर दिया है. केंद्र सरकार के फैसले के बाद 100 प्रतिशत अनाज और 20 प्रतिशत चीनी की अनिवार्य रूप से जूट के बोरे में ही पैकिंग होगी. सरकार हर साल 8000 करोड़ रुपए का जूट बोरा खरीदती है. हालिया फैसले से करीब 40 लाख किसानों को लाभ होगा.

2025 तक पेट्रोल में इथेनॉल का मिश्रण 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य

दरअसल, पेट्रोल में एथनॉल का मिश्रण बढ़ने से भारत का कच्चे तेल का आयात बिल कम करने में मदद मिलेगी और इससे गन्ना किसानों और चीनी मिलों को भी फायदा होगा. गन्ने के रस से निकाले जाने वाले एथनॉल की कीमत को दिसंबर, 2021 से शुरू होने वाले मार्केटिंग ईयर में 62.65 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 63.45 रुपए प्रति लीटर करने की मंजूरी दी गई है.

सी-हेवी के एथनॉल का दाम 45.69 रुपए से बढ़ाकर 46.66 रुपये प्रति लीटर किया गया है. वहीं बी-हेवी के एथनॉल का दाम 57.61 रुपए से बढ़ाकर 59.08 रुपए प्रति लीटर करने की मंजूरी दी गई है. पेट्रोलियम कंपनियां सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर ही एथनॉल की खरीद करती हैं. 2020-21 के विपणन वर्ष में पेट्रोल में एथनॉल का मिश्रण आठ प्रतिशत पर पहुंच गया है. भारत का 2025 तक इसे 20 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य है.

सरकार ने भारतीय कपास निगम (सीसीआई) को 2014-15 से 2020-21 तक कपास के सात सत्रों के लिए 17,408.85 करोड़ रुपए के ‘प्रतिबद्ध मूल्य समर्थन’ को मंजूरी दे दी. सीसीईए ने कपास के सत्र (अक्टूबर-सितंबर) 2014-15 से 2020-21 के दौरान कपास के लिए एमएसपी संचालन के तहत नुकसान की प्रतिपूर्ति के लिए व्यय की भी मंजूरी दी है.

अनाज की जूट की बोरियों में होगी पैकिंग

सीसीईए ने 2014-15 से 2020-21 (30 सितंबर, 2021 तक) के दौरान कपास के सत्र के लिए सीसीआई को 17,408.85 करोड़ रुपए के प्रतिबद्ध मूल्य समर्थन के लिए अपनी मंजूरी दे दी है. सरकार ने कहा कि कपास की कीमतों के एमएसपी के मूल्य के बराबर पहुंचने के साथ कपास किसानों के हितों की रक्षा के लिए सीसीआई ने 2014-15 से 2020-21 के दौरान बड़ी मात्रा में कपास की खरीद की.

एक अन्य फैसले में मंत्रिमंडल ने जूट वर्ष 2021-22 के लिए जूट पैकेजिंग सामग्री के लिए आरक्षण संबंधी मानदंडों को मंजूरी दी है. जूट वर्ष 2021-22 के दौरान जूट पैकेजिंग सामग्री (जेपीएम) अधिनियम, 1987 के तहत 100 प्रतिशत खाद्यान्न और 20 प्रतिशत चीनी जूट की बोरियों में पैक की जाएगी.