झीरम जांच रिपोर्ट पर अमित जोगी ने दी मुख्यमंत्री बघेल को चुनौती..

रायपुर  12 नवंबर (वेदांत समाचार)। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी ने झीरम रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर उनके पास कोई सबूत है तो उसे तत्काल सार्वजनिक करें।जोगी ने जारी एक बयान में कहा कि झीरम घाटी नरसंहार भारत के लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला रहा हैं।

अत्यंत दुख कि बात है कि घटना के तत्काल बाद कुछ निम्नस्तरीय सोच रखने वाले कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने अपनी राजनैतिक रोटिया सेकने के लिए मेरे स्व. पिता अजीत जोगी और मेरा नाम इस मामले में घसीटने का हर संभव प्रयास किया।मुझे अच्छी तरह याद है कि मेरे पिताजी ने उस समय कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष से दूरभाष कर रोते-रोते आग्रह किया था कि इस घटना के बाद प्रदेश का कोई भी कांग्रेसी सुरक्षित नहीं है, इसलिए भाजपा शासित प्रदेश में संविधान की धारा 356 के अंतर्गत राष्ट्रपति शासन तत्काल लागू किया जाए।

सोनिया जी ने इस बात पर अपनी सहमति भी जाहिर की थी किंतु राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने इस सुझाव को सिरे से खारिज कर दिया।जोगी ने आगे कहा कि इसका एक बड़ा कारण मेरे पिताजी और मेरे विरूद्ध राजनैतिक हत्या करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा सुनियोजित अभियान था।राहुल गांधी के समक्ष सीधे तौर पर यह झूठा आरोप लगाया जाए कि इस नरसंहार के पीछे सीधे-सीधे मेरे पिताजी, मेरा और नक्सलियों के बीच की राजनैतिक साजिश है। जबकि एनआइए की जांच रिर्पोट में कही पर भी ना तो मेरे पिताजी और ना ही मेरा उल्लेख आया है।

भाजपा द्वारा गठित जांच आयोग की रिर्पोट हाल ही में महामहिम राज्यपाल को सौंपी गई है।उस रिर्पोट पर भी हमारा उल्लेख नही है। जोगी ने आगे कहा कि एसआइटी कि कार्यवाही पर भी राजनैतिक द्वेष की संभावना को देखते हुए न्यायालय ने रोक लगा दी थी। उच्च न्यायालय के इस निर्णय का समर्थन सर्वोच्च न्यायालय ने भी किया।एक बात साफ है कि सरकार ना तो एनआइए और ना ही मिश्रा जांच आयोग की रिर्पोट से संतुष्ट है।