12 नवंबर (वेदांत समाचार)। उत्तराखंड की रिद्धिमा पांडेय ने बाल अधिकारों के लिए दुनिया के पांच देशों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संघ की चाइल्ड राइट कमेटी में आवाज उठाने के बाद अब दुनियाभर में जलवायु संकट पर आपातकाल घोषित करने की मांग की है. रिद्धिमा ने अपनी मांग को सयुंक्त राष्ट्र संघ तक पहुंचाया है. इसके लिए उसने दुनियाभर के 14 बच्चों के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के समक्ष याचिका दायर की है. रिद्धिमा बचपन से ही प्राकृति के लिए सजग रही हैं.
हरिद्वार की साधुबेला कॉलोनी हरिपुर कलां में रहने वाली रिद्धिमा पांडे बीएम डीएवी पब्लिक स्कूल में 10वीं क्साल की स्टूडेंट हैं. रिद्धिमा बचपन से ही पर्यावरण के प्रति बेहद सजग है. रिद्धिमा पर्यावरण को बचाने के लिए न केवल हरिद्वार और भारत बल्कि अनेक देशों में जाकर अलख जगा रही हैं.
रिद्धिमा ने 2019 में की थी राइट चाइल्ड कमेटी में याचिका दायर
बिगड़ते पर्यावरण के संतुलन को देखते हुए रिद्धिमा उन पांच देशों के खिलाफ भी 2019 में संयुक्त राष्ट्र संघ की राइट चाइल्ड कमेटी में याचिका दायर कर चुकीं हैं, जिनमें सबसे ज्यादा पर्यावरण परिवर्तन होने से वहां के बाल अधिकारों का हनन हो रहा था. वहीं अब रिद्धिमा पांडे ने 10 नवंबर को 14 देशों के बच्चों के साथ जलवायु परिवर्तन पर आए संकट को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंतोनियो गुटेरेस के समक्ष याचिका दायर की है.
जंगलों को लगातार काटा जा रहा
याचिका में विश्वभर में 14 बच्चों ने कहा है कि अवैध खनन, जंगलों का कटना, प्रदूषण के कारण लगातार जलवायु परिवर्तन से असंतुलन पैदा होने से खतरा बढ़ रहा है. भारत में भी मनुष्य की सुख सुविधा के लिए जंगलों को लगातार काटा जा रहा है.
जलवायु संकट पर भी आपातकाल घोषित हो
गंगा और उसकी सहायक नदियों से जिस तरह खनन किया जा रहा है, उससे जलवायु पर गहरा असर पड़ रहा है. इन बच्चों का कहना है कि जिस प्रकार कोविड-19 को सभी देशों ने आपातकाल घोषित किया, उसी प्रकार जलवायु संकट पर भी आपातकाल घोषित कर जलवायु को सुरक्षित किया जाए. ताकि आने वाली पीढ़ी भी देश-दुनिया में पर्यावरण के साथ अपना जीवन मिल सके और उन्हें भी उनके प्राकृतिक अधिकार मिल सके.
[metaslider id="347522"]