नेपाल की सेना के चीफ प्रभु राम शर्मा (General Prabhu Ram Sharma) को भारतीय सेना के जनरल की मानक उपाधि से सम्मानित किया गया है. बुधवार सुबह राष्ट्रपति भवन में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रभु राम शर्मा को भारतीय सेना के जनरल की मानक उपाधि से नवाजा है. इस मौके पर भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी उपस्थित थे. नेपाल आर्मी चीफ 4 दिन की भारत यात्रा पर मंगलवार को दिल्ली पहुंचे हैं.
प्रभु राम शर्मा को इसी साल सितंबर में नेपाल सेना का प्रमुख नियुक्त किया गया है, उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से युद्ध एवं रणनीति में एम फिल की डिग्री ली हुई है. इसके अलावा उन्होंने भारत में सेना के टेक्निकल अधिकारी की ट्रेनिंग भी ली हुई है. 1984 में प्रभु राम शर्मा ने नेपाल सेना में सेकेंड लेफ्टिनेंट के तौर पर कमिशन लिया था और इसी साल वे सेना के जनरल बने हैं. आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर महीने में भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल एम एम नरवणे को नेपाल दौरे के दौरान एक विशेष समारोह में राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने नेपाली सेना के जनरल की मानद उपाधि प्रदान की थी.
1950 में शुरू हुई थी ये परंपरा
यह दशकों पुरानी परंपरा है जो दोनों सेनाओं के बीच के मजबूत संबंधों को मजबूत करती है. इस परंपरा की शुरुआत 1950 में हुई थी. जनरल के एम करियप्पा पहले भारतीय थलसेना प्रमुख थे, जिन्हें 1950 में इस उपाधि से सम्मानित किया गया था. जनवरी 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नई दिल्ली में नेपाली थल सेना के प्रमुख जनरल पूर्ण चंद्र थापा को भारतीय सेना के मानद जनरल की उपाधि दी थी.
बता दें जनरल प्रभु राम शर्मा भारतीय सेना प्रमुख (Indian Army Chief) जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General Manoj Mukund Naravane) के आधिकारिक निमंत्रण पर नई दिल्ली गए. पिछले साल भारतीय सेना प्रमुख नरवणे ने भी नेपाल की यात्रा की थी. चीन की बढ़ती गतिविधि की वजह से भारत नेपाल को अपने साथ करने में जुटा हुआ है.नेपाली सेना प्रमुख की यात्रा भारत-नेपाल संबंधों को फिर से प्रगाढ़ करने का काम कर रही है. उत्तराखंड में पिछले साल भारत-नेपाल-चीन ट्राइजंक्शन (India-Nepal-China trijunction) पर 17,000 फीट की ऊंचाई पर लिपुलेख दर्रे (Lipulekh pass) तक एक नई रणनीतिक 80 किमी सड़क के निर्माण को लेकर दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. ऐसी खबरें थीं कि चीन ने तनावपूर्ण संबंधों का फायदा उठाते हुए सीमाओं पर कई जगहों पर जमीन हथियाने सहित नेपाल में प्रभाव डालने का प्रयास किया.
[metaslider id="347522"]