महाराष्ट्र 09 नवंबर (वेदांत समाचार)।दीपावली के चलते पिछले 9 दिनों से प्याज़ की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव बाजार बंद हैं.हालांकि आज से मंडिया खुलने वाली हैंऔर प्याज़ के साथ साथ अन्य अनाजों की भी नीलामी शुरू होने वाली हैं. लेकिन लगातर 9 दिनों तक मंडिया बंद होने से प्याज उत्पादक किसनों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ हैं. वही अब प्याज उत्पादक किसानो के सामने नई समस्या आ गई है. दअरसल देश में प्याज के बाजार भाव को नियंत्रित करने के लिए केंद्र साकार ने नेफेड के जरिए एक लाख 85 हजार मीट्रिक टन प्याज की खरीदी दूसरे देशों से की थी. इसमें से 1 लाख 15 हजार मीट्रिक टन प्याज बंपर स्टॉक से देश के खुले बाजार में लाने का फैसला किया हैं
अफगानिस्तान और ईरान जैसे देशों से आए 24 कंटेनरों में से मुंबई के बाज़ारों में पहुंचेगा.जिसे लेकर महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक किसान विरोध कर रहे हैं किसानों का कहना हैं की हम इतने महीनों से मेहनत कर प्याज़ की अच्छी खेती करते हैं ताकि हम किसनों को कुछ अच्छे दाम मिले. प्याज की अच्छी कीमत मिलने पर केंद्र सरकार ने आयात-निर्यात के कानून में बदलाव कर विदेशों से प्याज निर्यात करने का फैसला को बदलना चाहिए उन्हें किसानों के बारे में सोचना चाहिए.
मंडिया बंद होने से हुआ करोड़ो का नुकसान
पिछले 9 दिनों से प्याज और अनाज की नीलामी बंद हैं जिसके चलते किसनों को काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा हैं तो वही मंडी समितियों के बंद होने से 200 से 250 करोड़ रुपये के कृषि सामान का लेनदेन ठप हो गया है.नासिक मंडी समितियों में प्रतिदिन 25 से 30 करोड़ रुपये के कृषि अनाजों की नीलामी के माध्यम से नासिक जिले में कारोबार होता हैं.
सरकार के फैसले का प्याज़ उत्पादक कर रहे हैं विरोध
किसानों कस कहना हैं कि हम कई महीने मेहनत करते प्याज़ की खेती के देखभाल करते हैं ताकि हम किसनों को सही भाव मिल सके.और कभी बारिश की आज से फ़सले खराब हो जाती हैं जिससे किसान अपनी लागत तक नही निकाल पाता हैं. ये सब नज़रअंदाज़ करके केंद्र सरकार ने आयात-निर्यात के कानून में बदलाव कर विदेशों से प्याज निर्यात करने का फैसला किया हैं.सरकार को किसानों को लेकर विचार किया जाना चाहिए.
क्या कहना है संगठन का
महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले ने बताया कि पहले से ही भारी बारिश की वजह से प्याज़ उत्पादक किसनों को बहुत नुकसान हो रहा हैं ऐसे में केंद्र सरकार का ने नेफेड के माध्यम से खरीदे गए प्याज का बंपर स्टॉक आयात करना शुरू कर दिया है. जिसका हम पूरी तरहा से विरोध करते हैं. दिघोले ने कहा कि विदेशों से प्याज आयात कर देश में बंपर स्टॉक लाने के फैसले का विरोध करते रहेंगे. दिघोले ने किसानों को मंडी समिति में चरणों में प्याज बेचने में जल्दबाजी न करने की सलाह दी है. सरकार के इस फैसले पर राज्य प्याज उत्पादक संघ ने जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी हैं.
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