हरियाणा 8 नवम्बर (वेदांत समाचार) मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के किसानों को बड़ी सौगात देते हुए फसल खराब होने पर दी जाने वाली मुआवजा राशि को 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये और 10 हजार राशि को बढ़ाकर साढ़े 12 हजार रुपये कर दिया है. इसके साथ-साथ इससे नीचे के स्लैब में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की घोषणा भी की है. मुख्यमंत्री ने यह घोषणा सोमवार को करनाल में 263 करोड़ रुपये की लागत से बने आधुनिक सहकारी चीनी मिल के शुभारंभ के दौरान की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार देश भर में सबसे ज्यादा फसल मुआवजा दे रही है. फिर भी कुछ वर्षों से बढ़ोतरी नहीं हुई थी, इसलिए इसमें बढ़ोतरी की गई है. मुख्यमंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि वे फसल बीमा जरूर करवाएं.
आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है
उन्होंने कहा कि सरकार ने दो दिन पहले ही घोषणा की है कि 2 एकड़ भूमि के किसान को फसल बीमा प्रीमियम नहीं भरना पड़ेगा. वहीं 2 से 5 एकड़ भूमि के किसान को राहत देते हुए आधा प्रीमियम सरकार की तरफ से भरने का निर्णय लिया है. 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले किसान को खुद फसल बीमा करवाना होगा.
उन्होंने कहा कि करनाल चीनी मिल की क्षमता को 2200 टीसीडीसी से बढ़ाकर 3500 टीसीडीसी कर दिया है. उन्होंने कहा कि अब करनाल व आसपास के किसानों को गन्ना लेकर कहीं और नहीं जाना पड़ेगा, यदि मिल को ज्यादा चलाने की जरुरत भी पड़ेगी तो उसे चलाया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में गन्ने का रेट देश भर में सबसे ज्यादा है उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि हरियाणा में गन्ने का रेट सर्वाधिक ही रहेगा.
उन्होंने चीनी मिल कर्मचारियों को मिलने वाले 25 रुपये धुलाई भत्ते में तत्काल बढ़ोतरी करते हुए उसे 100 रुपये कर दिया है. मुख्यमंत्री ने इन कर्मचारियों की एक्सग्रेसिया पॉलिसी पर भी विचार करने का आश्वासन दिया.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
किसी भी प्राकृतिक आपदा (Disaster) से फसल नुकसान का जोखिम को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना शुरू की है. आपको बता दें कि योजना की शुरूआत से दिसंबर-2020 तक किसानों ने लगभग 19 हजार करोड़ रुपये का प्रीमियम भरा, जिसके बदले उन्हें लगभग 90 हजार करोड़ रुपये का भुगतान क्लेम के रूप में मिला.
इन कागजातों की जरूरत-खेती योग्य जमीन का दस्तावेज, भूमि कब्जा प्रमाण पत्र, आधार कार्ड (Aadhaar Card), प्रथम पृष्ठ-बैंक खाता के विवरण के साथ बैंक पासबुक, फसल बुआई प्रमाण पत्र, (यदि राज्य सरकार की अधिसूचना में अनिवार्य किया गया हो), बटाईदार किसानों या किराए पर ली गई जमीन पर भी बीमा की सुविधा, -ऐसे लोगों के लिए भूमि मालिक के साथ समझौता, किराया या पट्टा दस्तावेज.
यहां करें आवेदन--बैंक शाखा, सहकारी समिति-जन सेवा केंद्र-पीएमएफबीवाई पोर्टल (www.pmfby.gov.in) पर.
-इंश्योरेंस कंपनी या कृषि कार्यालय.
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