रायपुर 08 नवंबर (वेदांत समाचार)। राजधानी समेत राज्यभर में गोद लेने वाले परिवार पहले लड़कों को पसंद करते थे, लेकिन यह ट्रेंड तेजी से बदला है। गोद लेने वाले परिवार लड़कों के बजाय लड़कियों को गोद लेने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। प्रदेश में 2017-18 से 2021-22 तक 349 बच्चों को लोगों ने एडााप्ट किया। इनमें गोद ली गई लड़कियों की संख्या 211 है, जबकि लोगों ने सिर्फ 138 लड़कों को ही एडाप्ट किया यानी लड़कियों के मुकाबले आधे से कुछ ज्यादा।
गोद लेने वाले दंपत्ति भी ज्यादातर युवा हैं। ऐसे दंपत्तियों में महिला पक्ष ने गोद के लिए लड़कियों में ही ज्यादा रुचि दिखाई है। प्रदेश में एडाप्शन के नियम पिछले चार-पांच साल में कुछ आसान किए गए हैं, इसलिए चलन भी बढ़ा है। पांच साल पहले तक गोद लेने वाले बच्चों की संख्या 50 भी पार नहीं होती थी, लेकिन अब इनकी संख्या हर साल 70 या अधिक है।
गोद लेने दंपत्तियों में केवल छत्तीसगढ़ के लोग ही शामिल नहीं हैं बल्कि विदेशों से भी पति-पत्नी छत्तीसगढ़ आकर बच्चे गोद ले रहे हैं। पिछले पांच साल में 71 बच्चों को विदेशी दंपत्तियों ने गोद लिया है। इनमें भी लड़कियों की संख्या ज्यादा है। विदेशी दंपत्तियों ने 29 लड़कों और 42 लड़कियों को गोद लिया है।
लड़कियों को रायपुर में ज्यादा प्राथमिकता
राजधानी रायपुर में भी संतानविहीन लोगों ने लड़कियों को गोद लेने में ही ज्यादा रुचि दिखाई है। पिछले पांच साल में रायपुर में 35 लड़कियां गोद ली गईं, जबकि लड़कों की संख्या 25 ही है। खास बात ये है कि विदेशियों ने रायपुर में केवल लड़कियां ही गोद लीं। ऐसी बच्चियों की संख्या 9 है, जो अभिभावकों के साथ विदेश गईं।
महिला एवं बाल विकास अधिकारी अशोक पांडे ने बताया कि राज्य के अन्य जिलों की तरह रायपुर में भी लोग एडाप्शन में लड़कियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। शासन की कोशिश यही है कि हर आवेदन की बारीकी से जांच करें, ताकि कोई गड़बड़ी नहीं हो
कोरोना में अपनों को खोया, उन्हें लेने में रुचि
महिला एवं बाल विकास विभाग के पास अब सिंगल पैरेंट्स और कोरोना काल में पति या अपने परिवारवालों को खो चुके लोग भी सामने आ रहे हैं। बच्चा गोद लेने के लिए वे विभाग की वेबसाइट में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवा रहे हैं। अभी गोद लेने वाले पैरेंट्स की पहली पसंद 0 से 5 साल के बच्चे हैं। 10 या उससे ऊपर के बच्चों को गोद लेने में दंपत्तियों की दिलचस्पी कम है। वे छोटा बच्चा ही गोद लेना पसंद कर रहे हैं। इनके अलावा पहली बार थर्ड जेंडर के लोगों ने भी बच्चा गोद लेने में दिलचस्पी दिखाई है।
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