पड़ोसी को फंसाने के लिए कंडक्टर ने पहले कांच-चूहा मार दवा खाई, फिर पेट्रोल डालकर लगाई आग..

 गरियाबंद 06 नवंबर (वेदांत समाचार) | झगड़े के दौरान मोबाइल टूटने पर 1600 रुपए की भरपाई नहीं होने पर एक कंडक्टर अपनी जान पर खेल गया। पड़ोसी को बड़े पुलिस केस में फंसाने के लिए युवक ने पहले कांच पीस कर खाया। जब कुछ नहीं हुआ तो चूहा मार दवा खा ली। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा ली। उपचार के दौरान 5 दिन बाद देर रात युवक ने दम तोड़ दिया है। इसके बाद घटना का पता चला। मामला देवभोग थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक, फोकटपारा निवासी मोहम्मद रफीक उर्फ डब्ल्यू (40) ने 31 अक्टूबर को घर के आंगन में पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली थी। इसके लिए वह 20 रुपए का पेट्रोल खरीद कर लाया था। वह सिर्फ 20 फीसदी ही जला था, पर सीने का हिस्सा होने के कारण BMO अंजू सोनवानी ने उसे रायपुर के आंबेडकर अस्पताल रेफर किया। साथ ही पुलिस को सूचना दी। उपचार के दौरान गुरुवार देर रात हार्ट फेल होने से रफीक की मौत हो गई।

पेट्रोल डालकर आग लगाने के बाद अस्पताल में उपचार किया गया।

परिजनों ने गंभीरता से नहीं लिया विवाद तो उनसे भी किया झगड़ा
बताया जा रहा है कि डमरू के साथ रफीक का पहले भी कई बार विवाद होता था। ऐसे में परिजनों ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। रफीक चाहता था कि डमरू के खिलाफ पुलिस सख्त केस बनाए, पर परिजन सहमत नहीं थे। इसके चलते 30 अक्टूबर को रफीक ने पत्नी व मां के साथ सड़क पर मारपीट भी की थी। उस दिन कांच के टुकड़े और चूहे मारने की दवाई भी खाई, लेकिन पुलिस को नहीं बताया। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद बाकी पुष्टि होगी।

फल विक्रेता से विवाद में टूट गया था की-पैड मोबाइल
थाना प्रभारी विकास बघेल ने बताया कि रफीक का 30 अक्टूबर को मोहल्ले में रहने वाले फल विक्रेता डमरू सिन्हा से विवाद हो गया था। इस दौरान उसका की-पैड मोबाइल टूट गया। रफीक उसे बनवाने की जिद पर अड़ा था, लेकिन डमरू तैयार नहीं था। अपने बयान में रफीक ने डमरू से परेशान होने के चलते आग लगाने की बात कही। डमरू पर केस दर्ज किया गया है। रफीक का बयान नायब तहसीलदार अभिषेक अग्रवाल की मौजूदगी दर्ज कराया गया।