छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने की रंगारंग प्रस्तुति

⭕ इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों के पारंपरिक लोकनृत्यों को देखकर झूमने को विवश हुए दर्शक ।

⭕ धान का कटोरा-छत्तीसगढ़ थीम पर केन्द्रित थी विद्यार्थियों की प्रस्तुति ।

⭕ छत्तीसगढ़ राज्योत्सव कोरबा के मंच में अपनी नृत्य कला कौशल को प्रदर्शित कर प्रफुल्लित हुए इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थी।

कोरबा 2 नवम्बर ( वेदांत समाचार )। 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुई थी । तब से लेकर आज तक जब भी 1 नवंबर आता है पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर छत्तीसगढ़ राज्योत्सव मनाया जाता है । इस राज्योत्सव में छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति, रहन-सहन, व्यवसाय, मान्यताएँ, परंपराएँ, वेशभूषा इत्यादि की झलक देखने को मिलती है । या कम शब्दों में हम यूँ कहें कि यह दिन हमें स्वयं पर गर्व करने व स्वयं को प्रेरित व आत्मविश्वास से कवरेज करने हेतु संदेश देता है । तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगी । छत्तीसगढ़ अपनी विशेष संरचना व विशिष्ट जीवनशैली व मान्यताओं की दृष्टि से अन्य राज्यों से अलग है । यहाँ के लोगों की पारंपरिक वेशभूषा व लोकनृत्य सहसा सबको अपनी ओर आकर्षित करते हैं । रही बात राज्योत्सव की तो जिला स्तर पर जिला प्रशासन के द्वारा राज्योत्सव का आयोजन कर यहाँ की सभ्यता व संस्कृति को संजोकर रखने का प्रयास किया जाता है ।

1 नवंबर को घंटाघर ओपन थियेटर कोरबा में हुए राज्योत्सव में दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों को भी विशेष रूप से अपनी प्रस्तुति देने हेतु मंच प्रदान किया गया । यहाँ बताना भी लाजिमी होगा कि राज्योत्सव जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में चयन होना भी एक गरिमा की बाता होती है । यहाँ यह बताना भी आवश्यक है कि किसी भी विद्यालय का चयन यदि राज्योत्सव जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में होता है तो उस विद्यालय को कई मापदण्डों में मापा जाता है । जैसे -पढ़ाई का स्तर, अनुशासन, विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु उपलब्ध सुविधाएँ इत्यादि । इन सभी मापदंडो पर इंडस पब्लिक स्कूल दीपका खरा उतरता हुआ राज्योत्सव में मंच हासिल करने में कामयाब हुआ ।

इंडस पब्लिक स्कूल दपका के विद्यार्थियों ने राज्योत्सव में अपनी रंगारंग प्रस्तुति से उपस्थित सभी दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया । हजारों की संख्या में उपस्थित दर्शक निरंतर करतल ध्वनियों से विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते दिखे । छत्तीसगढ़ के विभिन्न लोकनृत्य जैसे-सुआ, करमा, ददरिया, पंथी, जसगीत इत्यादि की जावंत प्रस्तुति देकर इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने दर्शक दीर्घा में उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया । एक के बाद एक लगातार अलग-अलग लोकनृत्य प्रस्तुत कर इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने सबका दिल जीत लिया । लगभग 40 विद्यार्थियों के समूह ने अलग-अलग पारंपरिक लोकनृत्यों में अपनी प्रस्तुति दी । विद्यालय के नृत्य प्रशिक्षक राम यादव एवं महेश दास के दिशा-निर्देशन में विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी कला का प्रदर्शन किया ।

विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि विद्यार्थियों की छिपी प्रतिभाओं को निखारना ही हमारा उद्देश्य है । सच्ची शिक्षा का अर्थ ही होता है विद्यार्थी में नैतिकता का विकास । उनका सर्वांगीण विकास करना ही हमारा उद्देश्य है । राज्योत्सव में मंच प्राप्त कर अपनी कला का प्रदर्शन करना भी गौरव की बात है । डॉ. संजय गुप्ता ने विद्यार्थियों की सहज, ऊर्जामय, आत्मविश्वास से परिपूर्ण, प्रशंसनीय व जीवंत प्रस्तुति पर उन्हें बधाई दी । उन्होंन कहा कि हम विद्यार्थियों को कोई भी अवसर देने से नहीं चूकते । उन्हें सिखाना और आगे बढ़ाना ही हमारा उद्देश्य है ।