अस्पताल पहुंचने के 48 घंटे के भीतर हो रही मरीजों की मौत दिल्ली में डेंगू से हालात चिंताजनक,

02 नवंबर (वेदांत समाचार) ; देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में डेंगू (Dengue) के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. जहां महीने भर में राजधानी के अस्पतालों में डेंगू और ज्यादा जानलेवा साबित होता दिखाई दे रहा है. ऐसे में कई मरीजों की अस्पताल पहुंचने के 48 घंटे के भीतर ही मौत हो रही है. वहीं 15 से 20 फीसदी मौतें पहले 24 घंटे में ही हो रही हैं. इन्हें देख डॉक्टर भी काफी हैरान हैं क्योंकि अस्पताल में दाखिल होने के बाद सही तरह से इलाज शुरू होने से पहले ही मरीजों की मौत देख रहे हैं. एम्स के सूत्रों के मुताबिक, इस बार भी डेंगू का डेन-2 और डेन-1 स्ट्रेन ज्यादा एक्टिव हैं. हालांकि अब तक मरीजों में इन दोनों स्ट्रेन के मामले ही मिल रहे हैं.

दरअसल, ऐसी हालत राजधानी के करीब सभी अस्पतालों में है लेकिन एम्स, सफदरजंग और RML सहित केंद्र सरकार के अस्पतालों में हालात सबसे ज्यादा गंभीर है. वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि पश्चिम यूपी के जिलों में डेंगू का सबसे ज्यादा कहर देखने को मिल रहा है. यहां से आने वाले मरीजों में मृत्युदर काफी है. वहीं, डॉक्टरों के मुताबिक बिस्तरों का अभाव पहले जैसा है लेकिन कोरोना की तरह डेंगू संक्रमण में भी मरीजों की मौतें हो रही हैं.

72 घंटो के भीतर हुई 6 मरीजों की मौत

बता दें कि सफदरजंग अस्पताल के डॉ. के अनुसार यहां अब तक 16 से ज्यादा मरीजों की डेंगू से मौत हो चुकी है. जिनमें से 6 मरीजों की मौत अस्पताल में भर्ती होने के 72 घंटे के भीतर हुई हैं, जबकि 4 मरीजों की मौत 48 और 2 की मौत भर्ती होने के 24 घंटे में ही हुई.

उन्होंने बताया कि आसपास के सभी इलाकों से मरीजों को दिल्ली रेफर किया जा रहा है लेकिन इन मरीजों की हालत इतनी गंभीर है कि इलाज शुरू करते-करते मरीज दम तोड़ दे रहा है.

अस्पतालों में बेड़ की संख्या बढ़ाना भी नहीं आसान

वहीं, डॉक्टरों के मुताबिक सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की कमी लंबे समय से बनी हुई है. लेकिन फिलहाल के हालातों को देखते हुए मरीजों की संख्या इस कदर तेजी से बढ़ रही है कि बेडों की संख्या बढ़ाने से भी कोई बड़ा बदलाव नहीं होना है. हालांकि बिस्तर बढ़ाने के साथ साथ अस्पताल में स्टाफ इत्यादि पर भी ध्यान देना जरूरी है.

उन्होंने कहा कि बेड़ो की संख्या बढ़ाकर मरीज को एडमिट करना एक मात्र विकल्प नहीं है. बल्कि उन्हें बेहतर इलाज देना भी जरूरी है. ऐसे में 1 डॉक्टर 100 या 200 मरीजों का इलाज एक साथ नहीं कर सकते है.

दिल्ली के आसपास के इलाको से आ रहे मरीज

वहीं डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RML) के डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू संक्रमण के मामले लगभग सभी इलाकों से उनके यहां आ रहे हैं . लेकिन दिल्ली से ज्यादा मरीज आसपास के इलाकों से हैं. उन्होंने कहा कि सफदरजंग अस्पताल की तरह उनके यहां भी डेंगू के मरीज गंभीर हालत में पहुंच रहे हैं, जिन्हें समय रहते बचाया भी नहीं जा पा रहा.

डॉ ने बताया कि एक डॉक्टर होने के नाते सबसे दुखी पल अपने मरीज की मौत होना है. मरीज की जान बचाने के लिए रात-दिन डॉक्टर अपना पूरा एक्सपीरिएंस लगा देते हैं लेकिन यहां के हालात कुछ अलग है.

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