चंडीगढ़ Oct 26 ( वेदांत समाचार )। पंजाब में बड़े सियासी धामके की तैयारियां चल रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार सुबह 11 बजे चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस करेंगे, कयास लगाए जा रहे हैं कि वे कांग्रेस को विधिवत तौर पर अलविदा कहकर अपनी नई पार्टी का एलान कर दें। वहीं कैप्टन के एलान के बाद से पंजाब कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। इसके अलावा कैप्टन भाजपा से गठजोड़, बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी और अरूसा आलम के आईएसआई से रिश्ते को पर भी अपनी राय रखेंगे।
कैप्टन को भाजपा के साथ गठबंधन से गुरेज नहीं है लेकिन कांग्रेस उन्होंने कुबूल नहीं है। भाजपा के साथ भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई राजनीतिक पार्टी का गठबंधन सशर्त होगा। अमरिंदर के लिए किसानों का मुद्दा बेहद अहम हैं। इनके समाधान के बगैर वह भाजपा से नाता नहीं जोड़ेंगे। अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर कैप्टन ने लिखा था कि केंद्र सरकार को पहले किसानों के समस्याओं का समाधान करना चाहिए, इसके बाद भारतीय जनता पार्टी से किसी भी राजनीतिक समझौते पर चर्चा की जाएगी। पंजाब में भाजपा को एक कद्दावर नेता की तलाश है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि कैप्टन को अपने साथ लाने से पहले भाजपा को किसानों का मुद्दा हल करना होगा।
नाराज नेताओं पर नजर
वहीं कैप्टन की नई पार्टी में दूसरे दलों के नाराज नेता हिस्सेदार होंगे। पंजाब कांग्रेस के कई नेता भी कैप्टन की पार्टी का हिस्सा बन सकते हैं। विधानसभा टिकट बंटवारे के दौरान पंजाब कांग्रेस में असंतोष पनपने की आशंका है। अगर ऐसा होता है तो अमरिंदर सिंह इस अवसर को भुनाने की कोशिश जरूर करेंगे। वहीं शिअद से नाराज टकसाली नेताओं पर भी कैप्टन का फोकस है। हाल ही में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह दावा किया था कि कई विधायक उनके संपर्क में हैं।
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