कोरबा, करतला 25 अक्टूबर (वेदांत समाचार) वन विभाग करतला में 2 वर्ष पूर्व मजदूरों से कराये कार्यो का मजदूरी भुगतान नही किया है। मामला करतला वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोटमेर का है जहां दर्जनों महिलाओं को उनका मजदुरी भुगतान अबतक नही दिया गया है। इस संबंध में महिला मजदूरों ने जिला कलेक्टर और वन मंडलाधिकारी से शिकायत की है परंतु अबतक संबंधित विभाग की ओर से कोई सहयोग मजदूरों को नही मिल पा रहा है। वही महिलाओं ने करतला रेंजर जीवन लाल भारती पर कार्य कराने के दौरान महिला मजदूरों से गाली-गलौच और अभद्रता पूर्वक व्यवहार करने का भी आरोप लगाते हुए कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक महोदय से शिकायत की थी जिसपर अबतक कोई कार्यवाही नही की गयी है। महिलाओं का कहना है कि दर्जनों महिलाओं ने डेम निर्माण, तालाब निर्माण और कई अन्य कार्यो में मजदूरी की है परंतु उन्हें महज कुछ रुपये देकर ही शांत रहने को कहा जाता है। वही पुरषों ने डेम और तालाब निर्माण सहित कई कार्यो में रात्रि को देख रेख और निगरानी का कार्य भी किया है जिसका भुगतान आजतक वन विभाग द्वारा नही किया गया है।
कोटमेर में तालाब निर्माण में भी भ्रष्टाचार उजागर
वन विभाग करतला के अधिकारियों द्वारा ग्राम कोटमेर में लगभग 10 लाख रुपये की लागत से बने तालाब निर्माण कार्य में जमकर अनियमितताएं बरती गई। रेंजर की सह पर वन कर्मियों ने पहले तो खुद दर्जनों हरे भरे बड़े झाड़ के जंगलों को काटकर जलवा दिया और बाद जेसीबी से काम कराकर मजदूरी भुगतान में भी बंदरबांट करने में लगे है। इस मामले को खबरों में उजागर होने के बाद भी जिला प्रशासन अबतक आंखे मूंदकर बैठी है।
वन विभाग करतला के द्वारा ग्राम कोटमेर में लगभग 2 वर्ष पूर्व से डेम, तालाब और अन्य निर्माण कार्यो में मैंने मजदूरी का काम किया है जिसका भुगतान आजतक विभाग द्वारा नही किया गया हैं। वही रेंजर द्वारा महिला मजदूरों से गाली गलौच भी किया जाता है जिसकी शिकायत कलेक्टर और पुलिस विभाग से कर चुके है इसके बाद भी कार्यवाही नही हो रही है।-श्रीमती फ़िरो बाई (ग्राम कोटमेर)
मैंने 6 माह पूर्व डेम निर्माण में मजदूरी का कार्य किया था जिसका भुगतान अभी तक वन विभाग द्वारा नही किया गया है। अधिकारी कुछ पैसे देकर चुप रहने को कहते है। – श्रीमती फूल बाई (कोटमेर)
वन विभाग द्वारा संचालित चेक डेम में एक हफ्ते तथा अन्य डेम में कुल 28 दिन मजदूरी का कार्य किया है जिसका केवल 2 हज़ार ही प्राप्त हुआ है। बाकी की राशि अबतक विभाग द्वारा प्रदान नही की गई है। – रमशीला बाई (कोटमेर)
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