धनेश्वर राजवाड़े,कोरबा 25 अक्टूबर( वेदांत समाचार ) \ जिसमें कोरबा जिला सहित छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्य के वक्तागण एवं शिक्षक शिक्षिकाएं शामिल हुए। जी पी लहरें प्रभारी प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उतरदा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि शिक्षकों को विद्यार्थियों के अंतर्निहित गुणों के विकास करने के लिए सतत प्रयत्नशील रहना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन मंजूषा नायर व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अरदा, मीनल मिश्रा व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दीपका, निशा चंद्रा व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करतला ने किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना गौरव शर्मा व्याख्याता डाइट कोरबा के द्वारा दिया गया। शिक्षिका मधुलिका दुबे माध्यमिक शाला जमनीपाली द्वारा सरस्वती वंदना सहायक शिक्षक रूपेश चौहान एकलव्य विद्यालय छुरी द्वारा राजगीत,गीतादेवी हिमधर व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फरसवानी द्वारा स्वागत गीत, पी पी अंचल व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उतरदा द्वारा शिक्षक गीत, कंचन मोरे शिक्षिका माध्यमिक शाला नगोई बछेरा पोड़ी उपरोड़ा द्वारा प्रेरणा गीत प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता में डॉ विद्यावती चंद्राकर सहायक प्रध्यापक एससीईआरटी रायपुर ने वर्तमान परिवेश में शिक्षक के गुण बताते हुए कहा कि शिक्षक को प्रभावशीलता, संप्रेषण क्षमता युक्त एक बाल मनोवैज्ञानिक होना चाहिए, पाठ्यक्रम की जानकारी, संचार, सृजनात्मक, सहभागिता, क्यूरियोसिटी, सांस्कृतिक, समाज तथा बच्चों के प्रति केयरिंग का भाव होना चाहिए।
डॉ प्यारे लाल आदिले प्राचार्य शासकीय जेबीडी कला एवं विज्ञान महाविद्यालय कटघोरा ने बताया कि शिक्षकों के अंदर उत्तरदायित्व की भावना तथा उत्तम आचरण के साथ स्वयं में सुधार करने की सोच विकसित होनी चाहिए ।अतिरिक्त कलेक्टर एवं छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के कार्यकारी अध्यक्ष विश्वास मेश्राम ने कहा कि शिक्षक के सहयोग से एक बेहतर दुनिया बनाना संभव है। हमारे पीढ़ियों की ज्ञान को हम कैसे आगे बढ़ा सकते हैं तथा गलत को गलत और सही को सही कह सकने की क्षमता विकसित करने में हमारे शिक्षक सहयोगी के रूप में कार्य करते हैं ।
एसोसिएट प्रोफेसर त्रिचूर केरल आशा जी ने बताया कि शिक्षक को उचित कल्याणकारी एवं सही दिशा देने के साथ-साथ बच्चों के साथ इंटरएक्टिव मोड में कार्य करते रहना चाहिए। उपन्यासकार डॉ मोनिका सोमाली उत्तरप्रदेश ने कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार का विकास तथा बात छोटी लेकिन गंभीर करने की क्षमता विद्यार्थियों में विकसित होनी चाहिए।अभनपुर के शिक्षक हेमंत साहू ने बताया कि शिक्षक को अंतिम बेंच के बच्चों के के अंदर आत्मविश्वास करने की क्षमता होनी चाहिए । सूरदा मुंगेली के शिक्षिका सुधारानी शर्मा ने बताया कि किस तरह से वे अपने विद्यालय एवं बच्चों के विकास कर बच्चों के अंदर सामाजिक गुण विकास कर रही है । बड़े मुरमा जगदलपुर के व्याख्याता मनीष अहीर ने बताया कि बच्चों के अंदर रुचि एवं क्षमता के अनुरूप उनके गुणों का विकास करने में शिक्षक को सहयोगी होना चाहिए। रामनारायण प्रधान व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कनकी ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बच्चों की तैयारी करानी चाहिए जिससे कि भविष्य में भी अच्छे क्षेत्र में जा सके ।
व्याख्याता राकेश टंडन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उतरदा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मनुष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण उसकी मजबूत सांसे तथा सकारात्मक कर्म है । अतः हमें जीवित ही नहीं वरन जीवंत होकर अच्छे एवं सकारात्मक कार्य करते रहना चाहिए।
उत्कर्ष चंद्रा द्वारा कार्यक्रम का यूट्यूब लाइव प्रसारण किया गया। गूगल मीट से 100 से भी अधिक लोगों ने वेबीनार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई । कार्यक्रम के कार्यकारी सदस्य भूपेंद्र सिंह राठौर व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कराई नारा, मुकुंद केशव उपाध्याय शिक्षक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला अमापाली, के के कश्यप व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भनेश्वर जांजगीर, डॉ भावना बैरागी व्याख्याता शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राजनांदगांव, ममता सिंह राजपूत व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय विकासखंड पाली, वीरेंद्र बंजारे व्याख्यता चैतमा,प्रभा साव व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल स्याहीमुड़ी, राजेश नवरंग व्याख्याता उड़ता,
सुरजीत टंडन व्याख्याता डोंगरी, प्रकाश पडवाल, प्रीतम राजवाड़े, कौशल्या खुराना व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अरदा, मनोज टंडन प्रभारी प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिंझारा, सर्वेश सोनी प्रधान पाठक शा पूर्व माध्यमिक शाला बिंझरा, एम पी पटेल व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लाद, कृष्ण कुमार चंद्रा सहायक शिक्षक सोनपुरी, अजय कश्यप, नोहर चंद्रा,श्रीकांत शिक्षक जिला कोरबा, ललिता साहू व्याख्याता बल्गीखार, अनिता ओहरी प्राचार्य बुंदेली, शशि पाठक व्याख्याता शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रतापपुर, राजेंद्र क्षत्री व्याख्याता मुंगेली, धनंजय पांडे व्याख्याता बहुउद्देशीय शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिलासपुर, राजेश पिल्लई व्याख्याता दुर्ग,मधु जयसवाल व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिलासपुर, मिलाराम जाटवर व्याख्याता जशपुर, शेखर सिंह राठौर व्याख्याता अंबिकापुर, सी के वर्मा व्याख्याता रायपुर ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महती भूमिका निभाई ,
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