पुलिस कैंप का विरोध फिर शुरू:सैकड़ों ग्रामीणों ने मानव श्रृंखला बनाकर लिखा पुसनार,कहा- नहीं चाहिए सड़क और सुरक्षा

24 अक्टूबर ( वेदांत समाचार ) छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में ग्रामीण पुलिस कैंप का लगातार विरोध कर रहे हैं। एक तरफ जहां सिलगेर में पुलिस कैंप का विरोध थमा नहीं था कि अब अंदरूनी इलाके पुसनार और बुर्जी के ग्रामीण सुराक्षाबलों के कैंप और सड़क के विरोध में लामबंद हो गए हैं। गांगलूर इलाके के पुसनार गांव में 5 अक्टूबर से ग्रामीण आंदोलन में जुटे हुए हैं। फिलहाल पुसनार और बुर्जी गांव के सैकड़ों ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन यह भी बात निकल कर सामने आ रही है कि यदि इनकी मांगे पूरी नहीं होती है तो आसपास के दर्जनों गांवों के हजारों ग्रामीण कैंप के विरोध में लामबंद होंगे।

रविवार को ग्रामीणों के आंदोलन के 20 दिन पूरे हो रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि 28 अक्टूबर तक वे लगातार आंदोलन जारी रखेंगे। 28 तारीख को विशाल रैली निकाली जाएगी। यदि इनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो आंदोलन लगातार जारी रहेगा। ग्रामीणों ने कहा कि,हमें इलाके में न तो सड़क चाहिए और न सुरक्षा। सड़क बनते ही फोर्स गांव में घुसेगी और बेकसूर ग्रामीणों को नक्सल प्रकरण में गिरफ्तार करेगी। साथ ही ग्रामीणों की हत्या भी की जाएगी। ग्रामीण पुसनार में प्रस्तावित पुलिस कैंप का विरोध कर रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि यह हमारा गांव है, यहां कैंप खुलने नहीं देंगे।

ग्रामीणों का कहना है कि यह हमारा गांव है, यहां कैंप खुलने नहीं देंगे।

मानव श्रृंखला बनाकर ग्रामीणों ने लिखा पुसनार बीजापुर जिले में ऐसा पहली बार हुआ है कि, आंदोलन कर रहे ग्रामीणों ने मानव श्रृंखला बनाई हो। पुलिस कैंप के विरोध के दौरान मानव श्रृंखला बनाकर पुसनार लिखा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह हमारा गांव है। यहां हम कैंप खुलने नहीं देंगे। लगभग 1 महीने पहले ही ग्रामीणों ने इलाके में प्रशासन द्वारा बनाई जा रही सड़क को भी जगह-जगह से काट दिया था।

पुसनार और बुर्जी के ग्रामीण सुराक्षाबलों के कैंप और सड़क के विरोध में लामबंध हो गए हैं।

पुसनार और बुर्जी के ग्रामीण सुराक्षाबलों के कैंप और सड़क के विरोध में लामबंध हो गए हैं।

पुसनार में प्रस्तावित है सुरक्षाबलों का कैंप
नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले सिलगेर में कैंप स्थापित हो चुका है। इसके बाद अब पुलिस बीजापुर जिले के गांगलूर इलाके के पुसनार में सुरक्षाबलों का कैंप प्रस्तावित है। यह इलाका बेहद ही संवेदनशील है। पुलिस का मानना है कि, यदि इन इलाकों में सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया जाता है तो नक्सलियों की जबरदस्त कमर टूटेगी। कैंप स्थापित होने की भनक लगते ही ग्रामीण सड़क पर उतर आए हैं।

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