रायपुर 24 अक्टूबर (वेदांत समाचार) । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में किस तरह से करोड़ों रुपये पानी में डुबा दिए गए, इसका नजारा देखना है तो स्मार्ट सिटी के ई-टायलेट, बस शेल्टर और वाटर एटीएम को देखें। तीनों योजनाओं की वर्तमान में हवा निकल गई है। देखरेख के अभाव में अधिकतर ई-टायलेट में ताले लटक रहे हैं। इसी तरह बस शेल्टर और वाटर एटीएम बंद पड़े हुए हैं।
दरअसल रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा 2.60 करोड़ की लागत से शहर में छह स्थानों पर स्मार्ट पब्लिक ई-टायलेट और सात स्थानों पर बस शेल्टर की सुविधा शुरू की गई थी। होप फार ह्यूमैनिटी एजेंसी को एडवरटाइजमेंट राइट्स पर मेटेंनेंस का जिम्मा सौंपा गया था, वहीं 8.90 लाख की लागत से शहर के 18 स्थानों पर वाटर एटीएम लगाए गए थे। वर्तमान में ये तीनों योजनाएं देखरेख न होने के कारण फेल हो गई हैं।
नगर निगम और स्मार्ट सिटी ने शहरवासियों की प्यास बुझाने के लिए भीड़भाड़ और चौक-चौराहों पर करीब चार साल पहले 18 वाटर एटीएम लगवाए थे, लेकिन कुछ महीने बाद ही वाटर एटीएएम की हालत खस्ता हो गई और धीरे-धीरे सारे वाटर एटीएम बंद होते चले गए। यही हाल ई-टायलेट, बस शेल्टर का भी है। नईदुनिया ने शहर के मुख्य स्थानों पर जाकर पड़ताल की तो सच्चाई सामने आई।
स्मार्ट सिटी की ई-टायलेट योजना भी हवा-हवाई ही साबित हुई है। 40 के बजाय छह स्थानों पर स्मार्ट पब्लिक टायलेट और सात स्थानों पर बस शेल्टर की सुविधा शुरू तो की गई, लेकिन इसकी देखभाल नहीं होने से ये बेकार साबित हुई। आंबेडकर अस्पताल, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के समीप, डीकेएस अस्पताल और कटोरा तालाब, आरडी तिवारी स्कूल के पास आदि जगहों में बनाए गए ई- टायलेट और बस शेल्टर वर्तमान में अनुपयोगी हो चुके हैं।
माडल में खामी, इसलिए गंदगी भी
नईदुनिया ने पड़ताल की तो पाया कि ई-टायलेट के माडल में ही कई खामियां हैं। इसकी डिजाइन और चौड़ाई ही कम है। इसके कारण भी जो बने हैं, उनके दरवाजे खोलने में लोगों की सांसे फूंलने लगी हैं। ऐसे में गंदगी भी फैल रही है। अब सिर्फ शो-पीस बनकर ई-टायलेट प्रमुख स्थानों की जगह घेरकर खड़े हैं। एक ई-टायलेट की लागत साढ़े छह लाख रुपये आई थी, जो अब कबाड़ साबित हो गए हैं।
यहां मिली थी ई-टायलेट की सुविधा
आंबेडकर अस्पताल के मुख्य द्वार के पास सात यूनिट ई-टायलेट और एक बस शेल्टर, आनंद नगर चौक पर पांच यूनिट ई-टायलेट और एक बस शेल्टर, कटोरा तालाब के अपोजिट पांच यूनिट ई-टायलेट और एक बस शेल्टर, आरडी तिवारी स्कूल के पास पांच यूनिट ई-टायलेट, सरस्वती नगर थाना के पास पांच यूनिट ई-टायलेट, एम्स गेट नंबर दो के सामने गुरुद्वारा के पास पांच यूनिट ई-टायलेट स्थापित है।
इसके अलावा एम्स गेट नंबर पांच के पास एक बस शेल्टर, रविवि मेन गेट के पास एक बस शेल्टर, डीकेएस हास्पिटल के पास एक बस शेल्टर, वंदना आटो के सामने एक बस शेल्टर स्थापित किया गया था।
यहां लगा है वाटर एटीएम
मोतीबाग गार्डन, कलेक्टोरेट गार्डन, कोर्ट परिसर, जोन क्रमांक सात दफ्तर, अनुपम उद्यान, गांधी उद्यान, दाल-भात केंद्र जेल रोड,आउटडोर स्टेडियम, एमजी रोड, शहीद स्मारक चौपाटी, मल्टी लेवल पार्किंग, गोलबाजार, सरस्वती नगर थाना, आजाद चौक थाना, टिकरापारा थाना और कटोरा तालाब।
केस एक – मोतीबाग उद्यान
मोतीबाग उद्यान के स्टेडियम गेट के सामने लगाया गया वाटर एटीएम करीब एक साल बंद है। यहां हमेशा लोगों का जमावड़ा रहता है। फिर भी इस संबंध में निगम के अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी नहीं है।
केस दो – सरस्वती नगर थाना परिसर
सरस्वती नगर पुलिस थाना परिसर में लगाया गया वाटर एटीएम शुरुआत के कुछ महीने तक ही चला। इसके बाद से बंद पड़ा हुआ है। यही हाल पास में स्थापित ई-टायलेट का भी है।
केस तीन – इनडोर स्टेडियम, बूढ़ापारा
बूढ़ापारा स्थित इनडोर स्टेडियम के पास लोगों की सहूलियत को देखते हुए वाटर एटीएम लगाया है, जहां उचित देखभाल नहीं करने के कारण यह कबाड़ में तब्दील हो चुका है।
ठीक करने के बाद उपयोग में लाने को खोला जाएगा
ई-टायलेट, बस शेल्टर और वाटर एटीएम को ठीक करने के बाद उपयोग में लाने के लिए खोला जाएगा।
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