तिलकेजा 24 अक्टूबर (वेदांत समाचार) । राज्य सरकार ने किसानों को लंबी दूरी तय कर धान बेचने की समस्या से निजात दिलाने के लिए नवीन सहकारी समिति का गठन किया है। इन समितियों में पुराने समिति के ही कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। नवंबर माह से धान खरीदी शुरू होगी। नए समिति में अभी तक पुराने समिति के कर्मचारियों ने दायित्व भार नहीं संभाला है। ऐसे में नवीन केंद्रों में धान खरीदी के लिए फड़ प्रभारी और प्रबंधक की नियुक्ति नहीं र्हई। ऐसे में धान बिक्री में शामिल होने और खेत की रकबा पंजीयन के लिए किसान भटक रहे हैं।
नए समितियों कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने के संचालक मंडल को भंग कर दिया गया था। पुराने केंद्रों में ही टिके रहने के कारण संचालक मंडल ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। जिसे न्यायालय ने स्थगन आदेश दे दिया। बहरहाल नवंबर माह से धान खरीदी का शुभ आरंभ होना है। सहकारी समिति के कर्मचारी और अधिकारी में आपसी तालमेल नहीं है।
ऐसे में समितियों में फड़ प्रभारी प्रबंधक की नियुक्ति नहीं की गई है। जिन कर्मचारियों ने पूर्व में धान खरीदी किया था उनके द्वारा पुराने बरदाना का हिसाब नहीं दिया गया है। जिससे समिति को नुकसान उठाना पड़ रहा है। खाद्य निरीक्षकों के कहने पर पीडीएस बरदाना बरदाना जमा करना था लेकिन जमा नहीं करने के बाद भी उन्हे पावती दे दी गई। बारदाना सत्यापन को लेकर समितियों में घालमेल नजर आ रहा है। बरदाना भंडारण की जानकारी लेने के लिए सत्यता की जांच हो सकती है।
नए समितियों में अभी तक पुराने बारदानों का भंडारण नहीं किया गया। किसानों का पंजीयन नवीन व संशोधन पंजीयन प्रारंभ कर दिया गया है किसान धान उपार्जन केंद्रों में पंजीयन कराने के लिए भटक रहे हैं। समितियों में प्रबंधक व फड़ के प्रभारी कर्मचारी कार्यालयीन समय पर नहीं पहुंच रहे हैं। कंप्यूटर आपरेटर एवं चौकीदार के भरोसे पर कई समिति चल रही है। समय रहते मामले में संज्ञान नहीं ली गई तो धान खरीदी के समय खासी परेशानी होगी। इस संबंध में सहकारी सेवा समिति के जिला पंजीयक वसंत कुमार का कहना है कि सभी केंद्रों में प्रभारी प्रबंधकों की नियुक्ति कर दी गई हैँँ। किसानो को भटकने की जरूरत नहीं हैं।
नवीन पंजीयन अथवा रकबा में हुए परिवर्तन के लिए स्थानीय कृषि विस्तार अधिकारी से सत्यापन कराना है। सत्यापित कापी को लेकर डाटा एंट्री आपरेटर के संपर्क कर पंजीयन कराना हैँ। इस संबंध में प्रत्येक समिति व ग्राम पंचायतों में बैठक कराकर जानकारी दी जा चुकी है।
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