कवर्धा हिंसा मामले में BJP प्रदेश मंत्री विजय शर्मा सहित 5 नेताओं ने शुक्रवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इसके बाद देर रात करीब डेढ़ बजे विजय शर्मा को रायपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में सांसद सहित कई नेता भी गिरफ्तारी दे सकते हैं। सभी को आरोपी बनाया गया है। वहीं, शनिवार को दुर्ग सेंट्रल जेल में बंद 58 आरोपियों को जमानत मिल गई। इसके बाद अब तक दोनों गुटों से 147 आरोपियों को छोड़ा जा चुका है।
हिंसा मामले में कई बड़े नाम शामिल हैं। हालांकि, इनकी गिरफ्तारी अभी नहीं हो सकी है। इस बीच शुक्रवार को भाजपा प्रदेश मंत्री विजय शर्मा, भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र चंद्रवंशी, कार्यालय मंत्री पन्ना चंद्रवंशी और बजरंग दल के कार्यकर्ता राहुल चौरसिया ने शुक्रवार को कोर्ट पहुंचकर सरेंडर किया है। इन पर हिंसा भड़काने और लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जमानत पर छूटे आरोपी दुर्ग से कवर्धा के लिए निकलने से पहले नारेबाजी करते हुए।
लगे जय श्रीराम के नारे, BJP के और नेता दे सकते हैं गिरफ्तारी
दुर्ग में धमधा स्थित जेल से छूटने के बाद आरोपियों ने जय श्री राम के नारे लगाए। इससे पहले जब प्रदेश मंत्री विजय शर्मा को रायपुर शिफ्ट किया जा रहा था, तो उनके समर्थकों ने भी जमकर नारेबाजी की थी। इस मामले में अन्य आरोपी सांसद संतोष पाण्डेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी और अशोक साहू समेत 9 अन्य की गिरफ्तारी नहीं हुई है। संभवत: यह भी सोमवार को कोर्ट में सरेंडर कर सकते हैं।
कवर्धा हिंसा जांच के लिए पहुंची हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं की टीम।
हाईकोर्ट अधिवक्ताओं की टीम पहुंची, कहा- पुलिस-प्रशासन की गलती
बिलासपुर हाईकोर्ट के 12 अधिवक्ताओं की टीम कवर्धा हिंसा मामले की जांच के लिए शनिवार को पहुंची है। टीम ने वहां दोनों पक्षों से बात की और स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद टीम में शामिल वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप मजूमदार ने बताया कि वह अपनी जांच रिपोर्ट और सुझाव शासन को सौपेंगे। कहा कि बच्चों के झगड़े से बात बड़ों तक पहुंची। पुलिस और प्रशासन तत्काल कदम उठाते तो ऐसी स्थिति नहीं बनती।
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