महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के पटेवा थाना क्षेत्र में आज 130 मजदूरों से भरी एक बस को पुलिस ने रोका, तो मानव तस्करी का एक बड़ा मामला फूटकर सामने आया। पुलिस की सतर्कता की वजह से छत्तीसगढ़ के लोग यूपी में बंधवा मजदूर होने से बच गए। अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों को 20 हजार से 1 लाख रुपए देकर बस में भरकर यूपी के लिए रवानगी हो गई थी, इससे पहले ही पुलिस ने उस बस को रोक लिया।
जिस बस में मजदूरों को दबे पांव ले जाया जा रहा था, वह यूपी पासिंग बस है। इस बस का नंबर UP 70-JT 3923 है, जो यूपी के प्रयागराज जिले से संबंधित है। पुष्पराज ट्रेव्हल्स की इस बस में छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के कुल 130 लोगों को भरा गया था, इसमें बच्चे भी शामिल हैं। पुलिस ने सभी को रेस्क्यू कर लिया है।
बनाया जाता है बंधवा मजदूर
छत्तीसगढ़ के भोले—भाले लोगों को चंद रुपयों और नौकरी दिलाने का लालच देकर यूपी, गुजरात सहित अन्य प्रदेशों में ठेकेदारों के हवाले कर दिया जाता है, जिसके बाद उनकी जिंदगी बंधवा मजदूर की हो जाती है। दो वक्त की रोटी हो या फिर सोने—जागने का समय और जरुरत के लिए पैसे, यह सब ठेकेदार की मर्जी के अधीन हो जाता है।
पहले भी सामने आएं हैं
यह पहली बार नहीं है, जब छत्तीसगढ़ के मजदूरों को इस तरह से लालच देकर अपने साथ दूसरे प्रदेश ले जाकर ठेकेदारों के हवाले कर दिया जाता है। भले ही इसे पलायन का नाम दिया जाता है, पर हकीकत यह है कि यह मानव तस्करी का ही एक स्वरूप है। बहरहाल इस मामले में सरकार का अगला कदम क्या होगा, यह देखने का विषय है।
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