नई दिल्ली 19 अक्टूबर (वेदांत समाचार) । जोमैटो ऐप को लेकर सोशल मीडिया में इन दिनो बवाल मचा हुआ हैं । जिसके कारण इन दिनो फूड डिलिवरी ऐप Zomato का जायका बिगड़ गया है। दरअसल यह पूरा भौकाल कंपनी के एक एक्जीक्यूटिव से कस्टमर की चैट के स्क्रीनशॉट्स के कारण हुआ हैं। तमिलनाडु में रहने वाले एक शख्स ने आरोप लगाया कि Zoato एक्जीक्यूटिव ने उससे हिंदी सीखने को कहा। स्क्रीनशॉट्स शेयर करते हुए विकास नाम के शख्स ने लिखा कि ‘कस्टमर केयर का कहना है कि मेरा रिफंड इसलिए नहीं किया क्योंकि मुझे हिंदी नहीं आती। उसने मुझे झूठा भी करार दे दिया।’ आरोप है कि जोमैटो कर्मचारी ने यह भी कहा कि ‘हिंदी राष्ट्रभाषा है और सबको थोड़ी-बहुत आनी चाहिए।
Zomato आया लोगो के निशाने पर
इसके बाद कई लोगों ने Zomato से चैट पर यही सवाल पूछना शुरू कर दिया कि क्या हिंदी राष्ट्रभाषा है? दक्षिणी राज्यों में पहले से ही हिंदी ‘थोपे’ जाने के खिलाफ आवाज उठती रही है, ऐसे में सोशल मीडिया पर भी एक मुहिम शुरू हो गई। जोमैटो को सबक सिखाने की। ऐप को अनइंस्टॉल किया जा रहा है और जोमैटो से सामने आकर अपना स्टैंड साफ करने को कहा जा रहा है।
यहां से शुरु हुआ पुरा बखेड़ा
ट्रेंड की शुरुआत हुई विकास नाम के एक यूजर के ट्वीट से। उनके मुताबिक, उन्होंने जो ऑर्डर किया उसमें से एक आइटम नहीं था। उन्होंने ऐप पर कस्टमर केयर से चैटिंग शुरू की। कस्टमर ने मिसिंग आइटम का रिफंड मांगा तो स्क्रीनशॉट्स के अनुसार, एक्जीक्यूटिव ने उन्हें बताया कि होटल वाले उसकी भाषा नहीं समझ पा रहे हैं।
इसपर विकास ने कहा कि इसकी चिंता करना उनका काम नहीं है। उन्होंने लिखा कि ‘अगर जोमैटो तमिलनाडु में उपलब्ध है तो उन्हें ऐसे लोगों को रखना चाहिए जो भाषा समझते हों।’ जवाब में जोमैटो एक्जीक्यूटिव ने कहा कि ‘हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। तो यह बेहद कॉमन है कि सबको थोड़ी-बहुत हिंदी आनी चाहिए।
जोमैटो पर लगा यह आरोप
विकास के ट्वीट पर जोमैटो ने उनसे उनका मोबाइल नंबर मांगा। एक ट्वीट में विकास ने लिखा कि वह ‘मजबूत सफाई और सार्वजनिक माफी’ चाहते हैं। कंपनी के कस्टमर केयर ने इसके जवाब में बताया कि फोन पर बातचीत के बाद विकास संतुष्ट हैं। हालांकि तब तक विकास का ट्वीट वायरल हो चुका था। उनकी चैट के स्क्रीनशॉट्स शेयर कर लोग Zomato पर हिंदी ‘थोपने’ का आरोप लगाने लगे। तमिलनाडु के लोग कुछ ज्यादा ही गुस्से में नजर आए।
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