सीएम बघेल ने निभाया अपना वादा, बचपन के दोस्त को कराई हेलीकॉप्टर में सैर, खुशी से खिल उठा चेहरा

दुर्गः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (bhupesh baghel) अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं. विजयदशमी के मौके पर सीएम बघेल आज अपने गृह विधानसभा क्षेत्र पाटन (Patan) के कुरूदडीह गांव पहुंचे, इस दौरान सीएम बघेल ने अपने बचपन के दोस्त नारायण निषाद से मुलाकात की और उससे किया हुए एक वादा भी पूरा किया. 

सीएम बघेल ने दोस्त को कराई हेलीकॉप्टर की यात्रा 


दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पिछली बार जब कुरूदडीह पहुंचे थे तो नारायण निषाद ने चर्चा के दौरान सीएम बघेल से यूं ही कह दिया था कि कभी जब आप हेलीकॉप्टर से आए तो मुझे भी दिखाना. ऐसे में सीएम बघेल आज जब हेलीकॉप्टर से पहुंचे तो उन्होंने नारायण सिंह कहा कि आज मैं हेलीकॉप्टर से आया हूं मेरे साथ रायपुर चलो. जिसके बाद सीएम बघेल अपने दोस्त को हेलीकॉप्टर में बिठाकर रायपुर ले गए.

वहीं नारायण निषाद भी यूं अचानक हेलीकॉप्टर में बैठने से बहुत खुश हुए. उन्होंने कहा कि वह सीएम बघेल के साथ हेलीकॉप्टर से रायपुर जा रहे हैं एक तरह उनका एक बड़ा सपना आज पूरा होने जा रहा है. जिसके बाद सीएम बघेल अपने दोस्त को लेकर रायपुर के लिए रवाना हो गए. 

गांव के लोगों से की मुलाकात 


दरअसल, भूपेश बघेल हर दशहरे के अवसर पर नया खाई में स्थित अपने पैतृक घर में पूजा करते हैं. हर बार की तरह इस बार भी वह जैसे ही सीएम नया खाई पहुंचे तो उन्होंने सबसे पहले अपने गांव में दशहरे की पूजा में भाग लिया. मुख्यमंत्री ने इस दौरान गांव के वरिष्ठ लोगों और युवाओं से चर्चा भी की. उन्होंने कहा कि हर साल दशहरे में आपके साथ बहुत अच्छा लगता है. ग्रामीणों ने भी कहा कि हम भी उत्सुकता से इस दिन का इंतजार करते हैं. 

आपके साथ खड़ा हमेशा खड़ा हूं 


वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांव की बुजुर्ग महिलाओं से भी मुलाकात की. जहां गांव की महिलाओं ने सीएम बघेल से छत्तीसगढ़ियां भाषा में कहा कि ”तय नहीं हरबे हमर दुख ला तो कौन हरहि, आपसे ही उम्मीद है अच्छा करत हव, अच्छा होही.” दरअसल, सीएम बघेल ने गांव की महिलाओं से बात करते हुए उनसे कहा था कि ”मैं आप सबकी दुख तकलीफ में हमेशा साथ खड़ा हूं.” जिसके जवाब में महिलाओं ने उन्हें छत्तीसगढ़ियां भाषा में जवाब दिया. 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीणों से गोधन न्याय योजना की जानकारी भी ली. इस मौके पर सीएम बघेल ने अपने गांव के पुराने दोस्तों से भी बातें की और अपने बचपन के दिनों को साझा किया. उन्होंने बताया कि किस तरह से वह अपने साथियों के साथ गांव की विभिन्न गलियों में घूमा करते थे. सीएम बघेल काफी देर तक गांव में रुके और उसके बाद नारायण निषाद को अपने साथ लेकर रायपुर के लिए रवाना हो गए.