एक गांव ऐसा हैं जहां न केवल रावण की बल्कि उसके पुत्र मेघनाद की भी पूजन की जाती हैपढ़िए पूरी खबर

 विदिशा । आज दशहरा पर जहां कई जगह रावण का पुतला जलाया जाता है तो वहीं दूसरी तरफ जिले में कुछ गांव ऐसे हैं जहां न केवल रावण की बल्कि उसके पुत्र मेघनाद की भी पूजन की जाती है। नटेरन विकासखंड के ग्राम रावण में रावण बाबा का मंदिर है जहां रावण की लेटी हुई प्रतिमा है। वहीं गंजबासौदा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पलीता में मेघनाद बाबा का चबूतरा है जहां उनके नाम से स्तंभ खड़ा हुआ है जिसकी ग्रामीण पूजन करते हैं। इनकी पूजन के बगैर गांव में कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते। एक अनूठी परम्परा लटेरी तहसील के कालादेव गांव में भी होती है। यहां रावण प्रतिमा के सामने ग्रामीण एक दूसरे पर गोफन से पत्थर फेंकते हैं जिसे गोटमार कहा जाता है जो प्रतिवर्ष दशहरा के दिन होता है।

आज होगी रावण बाबा की पूजन

ग्राम रावण में आज रावण बाबा की पूजन होगी। यहां रावण बाबा का मंदिर है जहां उनकी लेटी हुई प्रतिमा है। लंकेश्वर वेलफेयर सोसाइटी के उपाध्यक्ष उपेंद्र तिवारी बताते हैं कि ऐसी परम्परा है कि रावण गांव में कोई पूजन या शुभ कार्य करने से पहले रावण बाबा की पूजन होना जरूरी है। इसी मंदिर के कारण गांव का नाम भी रावण रखा गया है। गांव के युवाओं द्वारा बनाई समिति रावण बाबा के मंदिर का विकास करा रही है।

मेघनाद की पूजन जरूरी

गंजबासौदा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पलीता में रावण के पुत्र मेघनाद की पूजन होती है। गांव के सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि यहां एक वर्षों पुराना चबूतरा है जिस पर मेघनाद बाबा के नाम का खंभा है, उसी को प्रतिमा मानकर उनकी पूजन की जाती है। गांव में कोई भी बड़ी पूजन या अन्य शुभ कार्य करने से पहले इस चबूतर पर आकर मेघनाद बाबा की पूजन जरूरी है। जब से गांव बसा है तब से ही यहां उनकी पूजन होती है।

राम, रावण की सेना भिड़ेंगी

लटेरी तहसील के कालादेव गांव में आज दशहरा पर्व पर गोटमार मेला का आयोजन होगा। यहां रावण की करीब बीस फीट ऊंची प्रतिमा के सामने ग्रामीण रावण और राम की सेना में बटकर एक दूसरे पर गोफन से पत्थर बरसाएंगे। ये परम्परा वर्षों से चली आ रही है। कालादेव में आज होने वाले इस आयोजन को लेकर दूर दराज गांव से भी लोग देखने पहुंचते हैं। बताया जाता है कि पत्थरों से किसी को चोट तक नहीं आती।

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