छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में त्योहारी सीजन शुरू होते ही आम उपभोक्ताओं की रसोई का जायका बिगड़ गया है। हालात यह हो गए है कि दस दिनों के अंदर ही 30 से 35 रुपये किलो तक बिक रहा टमाटर 70 रुपये किलो पार हो गया है।
वहीं गोभी के दाम भी 70 रुपये किलो पार हो गए है। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि इन दिनों बाहरी एकदम से घट गई है और स्थानीय आवक तो नहीं के बराबर हो रही है।
इसके चलते ही सब्जियों की कीमतों में आग लगी हुई है। कारोबारियों का कहना है कि पिछले दिनों आए चक्रवाती तूफान के असर से सब्जियों की फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। इसका असर ही सब्जियों की आवक पर पड़ा है।
बुधवार को शास्त्री बाजार, गोलबाजार, आमापारा, टिकरापारा, संतोषीनगर बाजार में टमाटर 60 से 75 रुपये किलो, गोभी 60 से 70 रुपये किलो, लौकी 25-30 रुपये किलो, बैगन 40-45 रुपये किलो, मुनगा 100 से 120 रुपये किलो तक बिका। इसके साथ ही आलू 20-25 रुपये किलो और प्याज 55 रुपये किलो तक बिक रही है।
थोक में टमाटर 1200 से 1300 रुपये कैरेट और गोभी थोक में 50 रुपये किलो पहुंच गया है। सब्जी कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इनकी कीमतों में और बढ़ोतरी के ही संकेत बने हुए है। बीते दिनों टमाटर की आवक रोजाना 20 गाड़ियों की होती थी,जो चार गाड़ियों पर सिमट गई है।
थोक सब्जी व्यावसायी संघ के अध्यक्ष टी श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि सब्जियों की आवक काफी कमतर हो गई है। बाहरी आवक पर ही निर्भरता बढ़ गई है और स्थानीय आवक तो नहीं के बराबर है। इसके चलते ही कीमतें काफी अधिक है।
कीमतें बढ़ने का यह भी है कारण
1.आवक में आई कमी
2. डीजल के दाम बढ़ने से का असर, मालभाड़े में बढ़ोतरी
3. शहर में चलने वाले भंडारे कार्यक्रम के दौरान सब्जियों की मांग में बढ़ोतरी हुई है
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