लखनऊ, जेएनएन। कोयला की कमी के कारण शनिवार रात रायबरेली के ऊंचाहार स्थित नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) की दूसरी इकाई को भी बंद करना पड़ा। हालांकि, प्रबंधन इसके पीछे मरम्मत कार्य की बात कह रहा है। इससे यहां से बिजली पाने वाले यहां से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तरांचल पर भी असर पड़ना तय है। उधर, झांसी के पारीछा स्थित थर्मल पावर हाउस की चारों यूनिट में से दो बंद चल रही हैं। शेष से आधा उत्पादन भी नहीं हो पा रहा है।
ऊंचाहार एनटीपीसी परियोजना 1550 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली है। दो इकाइयों के बंद होने से अब महज 779 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है। कोयला संकट के कारण बीते गुरुवार को सबसे अधिक विद्युत उत्पादन वाली छठवीं इकाई को बंद कर दिया गया था। वहीं, अन्य इकाइयों को आधे से कम भार पर चलाया जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक पिछले दो दिन से परियोजना में कोयले की एक भी रैक नहीं आई तो प्रबंधन ने दूसरी इकाई को भी बंद करने का निर्णय लिया। हालांकि, कुछ ही देर बाद कोयले की दो रैक आई।
वैसे यहां सभी छह इकाइयों को चलाने के लिए 24 घंटे में 30 हजार मीट्रिक टन (एमटी) कोयले की खपत होती है, लेकिन इस समय दो-तीन दिन के अंतराल में 8 से 10 हजार मीट्रिक टन आपूर्ति ही हो पा रही है। वहीं, पारीछा थर्मल पावर हाउस की चारों यूनिट से 920 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। पावर हाउस को प्रतिदिन मात्र दो रैक ही कोयला मिल पा रहा है, जबकि प्रतिदिन की खपत चार से पांच रैक की है। पिछले 24 घंटे के अंदर 270 मेगावाट पर बिजली का उत्पादन हो सका।
एनटीपीसी के जनसंपर्क अधिकारी कोमल शर्मा ने बताया कि छठवीं इकाई के बाद दूसरी इकाई को मरम्मत के लिए बंद किया गया है। कोयला आपूर्ति के बाद अन्य इकाइयों को उत्पादन भार क्षमता के अनुरूप होगा। पारीछा थर्मल पावर हाउस परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक मनोज सचान ने कहा कि उम्मीद है कि 15 अक्टूबर तक कोयले की आपूर्ति पूरी क्षमता से होने लगेगी। तब सम्भवत: हम अपनी चारों यूनिट एक बार फिर से शुरू कर सकेंगे।
12 दिन में रिहंद जलाशय के जलस्तर में एक फीट की गिरावट : सोनभद्र के रेणुकूट स्थित रिहंद बांध से संचालित पन बिजली परियोजना के लगातार संचालन का असर बांध के जल स्तर पर भी दिखने लगा है। महज 12 दिन के अंदर बांध के जल स्तर में एक फीट की गिरावट दर्ज की गई है। 28 सितंबर को बांध का अधिकतम जल स्तर 867.4 फीट दर्ज किया गया था, वहीं रविवार को यह स्तर 866.2 फीट दर्ज किया गया है। जबकि पिछले वर्ष दस सितंबर को रिहंद बांध का जल स्तर 867.8 फीट दर्ज किया गया था। 50-50 मेगावाट के छह टरबाइन अपनी फुल क्षमता के साथ संचालित हो रहे हैं। जिससे 280 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
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