कोरबा 12 अक्टूबर (वेदांत समाचार)। कवर्धा जिले में ध्वज के अपमान को लेकर दो समुदायों के बीच उपजे विवाद को स्थानीय प्रशासन ने सुलझा लिया है किंतु मामले में कार्यवाही को लेकर हिंदू समाज में नाराजगी देखी जा रही है। प्रशासन द्वारा की गई एक पक्षीय कार्रवाई के विरोध में विश्व हिंदू परिषद जिला कोरबा के द्वारा विशाल हिंदू आक्रोश हुंकार रैली आज दोपहर 1 बजे सुभाष चौक से निकलेगी। विशाल आक्रोश प्रदर्शन व रैली के माध्यम से कलेक्ट्रेट तक जाकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री व कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा। इस हिंदू हुंकार रैली में बड़ी संख्या में कोरबा शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से लोग उपस्थित होने घंटाघर मैदान पहुंचने लगे हैं। विश्व हिंदू परिषद कोरबा के अध्यक्ष नितेश डालमिया ने बताया कि घंटाघर में जिले भर से हिन्दू समाज के लोगों का एकत्रीकरण हो रहा है।
इधर दूसरी और आक्रोश रैली के मद्देनजर जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने अपनी व्यापक तैयारियों को पुख्ता किया है। एहतियात के तौर पर सुभाष चौक व कोसाबाड़ी चौक को पूरी तरह सील कर दिया गया है जहां स्टॉपर के साथ-साथ बैरिकेड लगाए गए हैं। सीएसईबी कालोनी से सुभाष चौक आने वाले आंतरिक मार्ग को भी बंद कर दिया गया है। कलेक्ट्रेट की ओर जाने वाले रास्तों को बंद कर प्रदर्शनकारियों को रोकने के पुख्ता इंतजाम प्रशासन ने कर लिए हैं। बड़ी संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती कर दी गई है। बुधवारी, मुड़ापार, एमपी नगर, आरपी नगर, निहारिका, आईटीआई, कोसाबाड़ी-राजगामार मार्ग सहित प्रवेश द्वारों पर बड़ी संख्या में जिला पुलिस बल, सीएएफ एवं बटालियन के जवानों की तैनाती की गई है। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के मार्गदर्शन में मातहत अधिकारियों व थाना एवं चौकी प्रभारियों के द्वारा भी लगातार हालातों पर नजर रखी जा रही है। मौके पर जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं।
0 नाकाबंदी नागरिक अधिकारों का उल्लंघन
जिला अधिवक्ता संघ कोरबा के पूर्व सचिव नूतन सिंह ठाकुर ने कहा है कि कोरबा जिला प्रशासन द्वारा त्योहार के मौके पर निहारिका क्षेत्र के आम रास्तो को पूर्ण रूप से बंद किया जाना नागरिक अधिकारों का उल्लंघन है। हिन्दू संगठनों के रैली को रोकने के लिए कोसाबाडी चौक के साथ ही सुभाष चौक को आवागमन के लिए पुरी तरह बंद कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा इस प्रकार का अवरोध खड़ा करते हुए आम नागरिकों के आवागमन को बाधित करना घोर निंदनीय है। किसी भी आंदोलन को रोकने के लिए प्रशासन उपाय कर सकता है लेकिन आम रास्ता को रोक कर आवागमन अवरुद्ध करना नागरिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है।
निहारिका क्षेत्र के सैकड़ों अधिवक्ता एवं पक्षकार जिला न्यायालय आने के लिए कोसाबाडी और सुभाष चौक का उपयोग करते हैं। मंगलवार को भले ही व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद है लेकिन सभी शासकीय कार्यालय और न्यायालय खुला है। आवश्यक कार्य के लिए जिला न्यायालय और शासकीय कार्यालय जाने वाले अधिवक्ताओं और आम लोगों को प्रशासन के नाकेबंदी से परेशान किया जाना सर्वथा अवैधानिक है। त्योहार के अवसर पर इस प्रकार की नाकेबंदी से भय का माहौल निर्मित हो गया है।
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