जांजगीर-चाम्पा 10 अक्टूबर (वेदांत समाचार)। जिले के किसान इन दिनों भारी परेशान हैं जिनका पंजीयन भूईयां कार्यक्रम के तहत नहीं हो पाने के कारण वे सरकार के प्रति भारी नाराजगी जाहीर करने लगे है वहीं इसके लिए स्थानीय पटवारियों को भी किसानों के क्रोध का शिकार होना पड़ रहा हैं। जिसका तत्काल हल निकाला जाना चाहिए।
इस संबंध मेंं अवगत हो कि जिले के किसान अपनी खेती करने के बाद अब उसकी फसल को बेचने के लिए भूईयां कार्यक्रम के तहत पंजीयन कराना चाहते हैं। जो अपने जमीन को पटवारी रिकार्ड में पूरी तरह से दुरूस्त करवाना चाहते हैं,किन्तु जिले में आये दिन कम्प्यूटर में सर्वर की समस्या होने की बात कहकर किसानों को पटवारी वर्ग वापस भेज देते हैं।
इससे किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा हैं। यहीं हाल सोसायटियों में भी हैं जो अधूरे रिकार्ड लेकर जाने के बाद किसानों का पंजीयन समितियों में नहीं हो रहा हैं। विगत दो माह से देखा जा रहा हैं कि पटवारी कार्यालय एवं सेवा सहकारी समिति कार्यालयों की कम्प्यूटरों में सर्वर की समस्या सबसे जटिल समस्या बनकर रह गयी है। जो किसान नए जमीन खरीदे हैं, एवं जो किसान पिछले समय धान खरीदी के समय पंजीयन नहीं करा पायें थे वे किसान सबसे अधिक परेशान हैं।
जो किसी तरह पटवारी रिकार्ड में अपनी जमीनों के कागजात संधारण कराकर पंजीयन कराना चाह रहेे हैं, लेकिन कम्प्यूटर में सर्वर की समस्या बताकर उन्हें उल्टे पांव लौटा दिया जा रहा हैं। इससे पटवारी वर्ग भी किसानों के कहा सुनी से परेशान हो रहे हैं। सबसे दिलचस्प बात यह हैं, कि कम्प्यूटर में सर्वर की समस्या रायपुर से ही अधिक हो रहा हैं। राज्य सरकार धान की खरीदी करने के लिए अधिक से अधिक किसानों को लाभ देने की बात तो कहती हैं। परन्तु हकीकत में सच्चाई ठीक इसके विपरित हैं रायपुर में बैठे अधिकारी जानबूझकर कम्प्यूटर के सर्वर खराब कर देते हैं जिसके कारण किसान पंजीयन नहीं करा पा रहे है।
यह इशारा जरूर राजनैतिक स्तर पर होगी परन्तु कांग्रेस सरकार में किसान भारी परेशान है। इन्हे अपनी उपज बचाने के लिए बार-बार परेशान होना पड़ता हैं। वैसे तो प्रदेश के भूपेश सरकार को किसान हितैषी सरकार कहा जाता हैं किन्तु जिस तरह वर्तमान में जिले के किसान परेशान हो रहें हैं। इसे देखकर यह कहना सर्वथा ही गलत है। आज प्रत्येक राजस्व कार्यालयों में बिना लेनदेन के किसानों का काम नहीं हो रहा हैं और अधिकारी वर्ग खुलेआम किसानों से रूपये की मांग करने लगे हैं
अब किसानों का उपज पकने को तैयार हैं। किसानों को अपनी फसल बेचने की चिंता सताए जा रहा हैं कि किसी तरह वे समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेच सके लेकिन जिस तरह से जिले के पटवारी कार्यालयों में कम्प्यूटर में सर्वर की समस्या बढ़ते जा रही हैं इससे किसानों का पंजीयन समय पर हो पाएगा यह कहना मुश्किल हैं,क्योंकि जिले के बड़े राजस्व अधिकारी भी किसानों की इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहें हैं। नतिजा यह हैं कि किसानों का न तो समय पर पटवारी कार्यालयों में काम हो रहा हैं और न हीं सहकारी समितियों में उनका पंजीय हो रहा हैं। नतिजा किसान परेशान है और राजनेताओं को भी इसकी परवाह नहीं हैं इसलिए किसान लाचार नजर आ रहें हैं। जिसके लिए कांग्रेस नेताओं को ध्यान देने की जरूरत हैं नहीं तो यह सरकार कांग्रेस के लिए आखिरी सरकार होगी।
[metaslider id="347522"]