कोरबा 6 अक्टूबर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बांकीमोंगरा क्षेत्र के खनन प्रभावित ग्राम पुरैना, बांकी बस्ती, मड़वाढोढा और आसपास के गांवों में निस्तारी, सिंचाई और पीने के लिए पानी आपूर्ति जारी रखने की मांग को लेकर एसईसीएल के कोरबा एरिया अंतर्गत उपक्षेत्रीय प्रबंधक सुराकछार पी मवावाला को ज्ञापन दिया था। ग्रामीणों की समस्या का निराकरण नहीं होने पर 7 अक्टूबर को सुराकछार खदान का घेराव करने की चेतावनी दी थी।
प्रबंधन ने अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। इसलिए खदान घेराव को लेकर ग्रामीणों के साथ बैठक कर रणनीति बनाई। पार्षद राजकुमारी कंवर ने कहा कि बांकी खदान 1962 से संचालित है। कोयला खनन के कारण यहां जल स्तर काफी गिर चुका है। प्रबंधन पहले पीनेए निस्तारी व सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध करते आया है, लेकिन बांकी खदान बंद होने के बाद अब अचानक एसईसीएल द्वारा इन गांवों में जल आपूर्ति रोक दी गई है।
इससे समस्या बढ़ गई है। माकपा जिला सचिव प्रशांत झा व किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर ने कहा कि जल आपूर्ति रोक देना इन खनन प्रभावित गांवों व यहां के रहवासियों के साथ न सिर्फ अमानवीय व्यवहार हैए बल्कि उनके मानवाधिकारों का हनन भी है। खदान से बाहर निकलने वाले पानी के भरोसे खेती और सब्जी बड़ी करने वाले किसानों की पर भी बुरा असर पड़ेगा। बैठक में मोहपाल सिंह, अजीत सिंह, शिवरतन सिंह, हीरा सिंह, प्रदीप कुमार, आनंद मोहन, सुरित राम, गुलाब बाई, रामायण बाई, बिमला, पूर्णिमा समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।