रायपुर,4 अक्टूबर ( वेदांत समाचार )।: छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस में एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला लागू हो गया है। इसी के तहत निगम-मंडल में कुर्सी पा चुके नेताओं को प्रदेश संगठन से बाहर कर दिया गया है। कांग्रेस नेताओं के अनुसार इस फार्मूले के जरिये पार्टी के ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को पद दिया जा सकता है। वैसे भी 15 वर्ष बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस में पदों की तुलना में दावेदारों की संख्या कई गुना अधिक है। यही वजह है कि अब तक सभी निगम-मंडल और प्राधिकरणों में नियुक्ति नहीं हो पाई है
लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस संगठन में शनिवार को फेरबदल किया गया। प्रदेश संगठन में हुए इस बदलाव की सूची सीधे एआइसीसी से जारी की गई। संगठन से जिन लोगों को हटाया गया है, उनमें संचार विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी के साथ उपाध्यक्ष रहे गिरिश देवांगन और अटल श्रीवास्तव का नाम भी शामिल है। तीनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाते हैं।
तीनों नेताओं को निगम-मंडल में कुर्सी मिल चुकी है। त्रिवेदी पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष हैं। देवांगन खनिज विकास निगम और श्रीवास्तव पर्यटन मंडल के अध्यक्ष हैं। इसी तरह निगम-मंडल में कुर्सी पा चुके पदमा मनहर व भानुप्रताप सिंह को भी संगठन से हटा दिया गया है। कांग्रेस संगठन के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार हाईकमान के इस कदम ने साफ कर दिया है कि पार्टी में अब एक व्यक्ति एक ही पद पर रहेगा। इससे उन लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं, जिन्हें अब तक संगठन या सरकार में स्थान नहीं मिला है।
महंत की नाराजगी के बाद हटाए गए चंद्राकर
पार्टी ने अपने चार जिलाध्यक्षों को भी बदला है। इनमें जांजगीर-चांपा के जिलाध्यक्ष रहे चोलेश्वर चंद्राकर भी शामिल हैं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत का निर्वाचन क्षेत्र इसी जिले में है। पार्टी सूत्रों के अनुसार डा. महंत, चंद्राकर को अध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ थे। इसी वजह से पार्टी ने चंद्राकर के स्थान पर राघवेंद्र सिंह को जिला की कमान सौंपी है। महिला आयोग में सदस्य की जिम्मेदारी संभाल रही तुलसी साहू के स्थान पर मुकेश चंद्राकर को भिलाई शहर का अध्यक्ष बनाया गया है।
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