बिलासपुर 01 सितंबर (वेदांत समाचार)।बिजली ट्रांसफार्मर से ढक्कन गायब हैं। यह समस्या हर मोहल्ले में कई सालों से है। इसके बावजूद कंपनी को इतनी फुर्सत नहीं उनमें ढक्कन लगाकर उन्हें सुरक्षित कर सकें। इससे आम लोगों के साथ जानवरों को भी खतरा है। जबकि उपभोक्ता इसकी शिकायत करके थक चुके हैं। लेकिन कंपनी जरा भी इसे लेकर गंभीर नहीं हैं।मंगला, महर्षि स्कूल रोड, सरकंडा, दीनदयाल कालोनी समेत ऐसे कई मोहल्ले हैं, जहां इस तरह के ट्रांसफार्मर नजर आ जाएंगे। ढक्कन लगाने के साथ सुरक्षित करने की जवाबदारी बिजली वितरण कंपनी की है। इस कमी के चलते आए दिन बारिश का पानी पड़ने या पेड़ गिरने के कारण तकनीकी खराबी आती है। कंपनी बिल तो पूरा वसूलती है और भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन काटने में भी देर नहीं करती।
पर जब बेहतर सुविधा देने की बारी आती है तो सौ तरह के बहाने बनाती है। बिजली बंद की समस्या तो हर दिन आती है। अप्रैल से लेकर उपभोक्ता अभी तक इस परेशानी से जूझ रहे हैं। सबसे विडंबना इस बात की है कि जब उपभोक्ता इसकी सूचना देते हैं तो उन्हें बेहतर रिस्पांस ही नहीं मिलता। फ्यूज काल सेंटर में शिकायत दर्ज रहती है पर सुधार करने के लिए कोई नहीं पहुंचता। पिछले दिनों कानन पेंडारी जू में इसी तरह की स्थिति थी
सुबह आठ बजे से यहां तार टूटा था। पर सुधार के लिए अमला 24 घंटे बाद पहुंचा, वह भी तब जब इसकी शिकायत कंपनी के बड़े अफसर से की गई। कुछ मोहल्लों में जर्जर बिजली खंभों के कारण भी खतरा मंडरा रहा है। इसे बदलने के लिए आवेदन भी दिया गया। पर आज व कल करते हुए कई साल गुजर गए पर समस्या दूर नहीं की गई।
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