बिलासपुर। प्रदेश की बदहाल सडक़ों की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लेते हुए न्यायमित्र नियुक्त कर सडक़ों की हालत पर रिपोर्ट मांगी थी। कार्यवाहक चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा एवं जस्टिस रजनी दुबे की डीबी में न्याय-मित्र अधिवक्ता प्रतीक शर्मा ने प्रदेश की 32 सडक़ों की स्थिति पर रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट को डीबी ने रिकॉर्ड में लेते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी, राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट फोटो सहित प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
इन सडक़ों में तमनार-अडानी कोल माइन रोड, बिलासपुर-सीपत रोड, जांजगीर-चांपा से बाराद्वार व जांजगीर शहर, रायगढ़-खरसिया-डभरा, छाल से धरमजयगढ़, मस्तूरी से पामगढ़, शिवरीनारायण-भटगांव-सरसींवा-सारंगढ़, हाटी-धरमजयगढ़-पत्थलगांव रोड, रायगढ़-धरमजयगढ़ रोड, लुड़ेग-कुनकुरी मार्ग, अंबिकापुर-बतौली-सीतापुर, अंबिकापुर जिला अस्पताल से बिलासपुर चौक मार्ग, अंबिकापुर-धनवार बैरियर, बिलासपुर-रतनपुर मार्ग, बिलासपुर-रतनपुर बाईपास मार्ग, बेलतरा-कटघोरा मार्ग, रतनपुर-सिल्ली पाली रोड, मुंगेली-पंडरिया रोड, पंडरिया-कवर्धा रोड, लोरमी-खाम्ही रोड, रायपुर-भिलाई रोड, डबरापारा भिलाई रोड, बिलासपुर नगर निगम व ग्रामीण क्षेत्र की सडक़ें, बिल्हा-बरतोरी मार्ग, लोरमी-खुडिय़ा डेम, सीपत-झलमला, दुर्ग-विनायकपुर, सिलतरा-उरला-भनपुरी, बांसागढ़-फूलझार-महासमुंद रोड, अंबिकापुर शहर, विश्रामपुर-कटघोरा मार्ग, बैंकुठपुर-छिंदडांड रोड तथा कांकेर-केशकाल रोड के जर्जर होने की जानकारी दी गई है।
साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेशित किया कि जिस रोड में कार्य चल रहा है, उस रोड में कार्य प्रारंभ होने की तारीख एवं कार्य पूरा होने की तारीख व जिस मार्ग का टेंडर भी जारी नहीं हुआ है उसकी भी जानकारी 22 अक्टूबर से पहले प्रस्तुत करें। 22 अक्टूबर को मामले सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट में न्यायमित्र राजीव श्रीवास्तव, प्रतीक शर्मा, राघवेंद्र प्रधान, सालसा की ओर से आशुतोष सिंह कछुवाहा उपस्थित थे।
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