छत्तीसगढ़ कांग्रेस में एक बार फिर सियासी सरगर्मी बढ़ी है। अचानक 10 से अधिक विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं। इनमें बृहस्पति सिंह भी शामिल हैं। दिल्ली जाकर विधायकों ने एक प्राइवेट होटल में डेरा डाल दिया है। खबर है कि ये सभी प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया से मुलाकात करेंगे। इस दौरे से प्रदेश में कैबिनेट में बदलाव या नेतृत्व परिवर्तन की बातें फिर से शुरू हो गई हैं। विधायकों के इस कदर दिल्ली कूच के मायने निकाले जा रहे हैं। इस पूरे मामले पर बुधवार की शाम पत्रकारों ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से भी सवाल किया। उनसे पूछा गया कि विधायक वहां जाकर प्रदेश के सियासी हाल और विकास के कामों की चर्चा का दावा कर रहे हैं। इसका जवाब देते हुए सिंहदेव बोले हम सब जानते हैं कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में क्या चर्चाएं हो रही हैं। बदलाव की बात है तो ये हो सकता है या नहीं, ये देखना होगा। मगर अब ये बात खुल गई है।
सिंहदेव ने आगे कहा कि पिछली बार भी जब विधायक वहां गए तो बात खुल गई। हो सकता है इसी को लेकर वो अपनी बात रखने गए हों। भले ही वो कह रहे हों कि विकास के काम दिखाने का आमंत्रण देने गए हैं। विकास के कार्य के लिए आमंत्रित करें ये दायित्व मुख्यमंत्री से ऊपर किसी का नहीं है। अब मैं जाकर कहूं कि आइए हमारे यहां तो वो कहेंगे ठीक है। इस पर मुख्यमंत्री से बात करेंगे।
दरअसल, पिछली बार के विधायकों के दौरे पर जब मीडिया ने सवाल किए थे तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत तमाम नेताओं ने कह दिया था कि दिल्ली के राष्ट्रीय नेताओं को वो प्रदेश में हो रहे अच्छे कामों के को दिखाने के लिए निमंत्रण देने आए थे। इस बार भी दबी जुबान में मीडिया तक यही मैसेज भेजने का प्रयास दिल्ली गए विधायक कर रहे हैं।
कांग्रेस खुला मंच है
टीएस सिंहदेव ने कहा, कांग्रेस पार्टी एक खुला मंच है। लीडरशिप समय-समय पर परिस्थिति के अनुसार समय देता है। अगर यहां से कुछ लोग जाकर मिलना चाहते हैं। अगर उन्हें समय मिलेगा तो जरूर मुलाकात होगी।
दिल्ली जाने के सवाल पर जोड़ लिए हाथ
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने फिलहाल तो दिल्ली जाने से इनकार कर दिया है। दर्जन भर विधायकों और दो मंत्रियों के दिल्ली पहुंचकर राहुल गांधी से मुलाकात की कोशिश के बाद उनके दिल्ली जाने के सवाल पर सिंहदेव ने हाथ जोड़ लिए।
राहुल गांधी आएंगे कहकर मामला टालने की कोशिश तो नहीं
करीब 1 महीने पहले छत्तीसगढ़ के विधायकों के दिल्ली कूच के बाद राहुल गांधी के घर से बाहर आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था- छत्तीसगढ़ के विकास पर बात हुई और उन्हें प्रदेश आने का न्यौता दिया गया उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है और वे संभवतः अगले सप्ताह छत्तीसगढ़ आ सकते हैं। तब बघेल ने आप CM रहेंगे या नहीं इस सवाल पर पूरे आत्मविश्वास से कहा, ‘मैंने तो उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में ही छत्तीसगढ़ आने का न्यौता दिया है।’ ढाई साल के बाद दूसरे को सत्ता सौंपने के सवाल पर उन्होंने फिर कहा कि ऐसी कोई बात नहीं हुई। हालांकि एक महीना बीतने को है राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ आने का कोई कार्यक्रम अब तक तय हुआ नहीं।
भाजपा बोली- पिछली बार कोई कमी रह गई लगता है
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कांग्रेस के सियासी ड्रामे पर चुटकी ली है। उन्होंने छत्तीसगढ़ से 13 विधायकों के दिल्ली जाने का दावा किया। श्रीवास्तव ने कहा कि कहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एक और शक्ति प्रदर्शन तो नहीं? उन्होंने कहा कि सत्ता और सीएम की कुर्सी के लिए बीते दिनों 50 से ज्यादा विधायक दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन करने गए थे, क्या कहीं कोई कमी रह गई जो विधायक बृहस्पत सिंह सहित 13 विधायक फिर से भूपेश के समर्थन में दिल्ली पहुंच गए। कहीं मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी बचाने 13 विधायक तो नहीं भेजने पड़े?
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