कोरबा । शारदीय नवरात्र का पर्व इस बार नौ के बजाए आठ दिन की होगी। पर्व में नौ देवियों की अलग- अलग दिन पूजा करने का विधान है,लेकिन पंचमी और षष्ठी तिथि का संयुक्त संयोग होने से दो देवियों की एक ही दिन पूजा होगी। शहर के प्रमख सर्वमंगला सहित सभी देवी मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई है।
नवरात्र को लेकर मंदिर प्रबंधन सहित भक्तों में उत्साह देखा जा रहा है। कोरोना संक्रमण में आई में कमी को देखते हुए उत्सव आयोजन का उल्लास लौटने की संभावना बन गई है। सात अक्टूबर से शरू हो रही शारदीय नवरात्र इस बार आठ ही दिन की होगी। इस संबंध में ज्योतिषाचार्य मूलचंद शास्त्री ने बताया कि नौ दिन होने वाली पूजा में पंचमी-षष्ठी का संयोग एक साथ होने से स्कंदमाता और कात्यायनी की पूजा एक साथ होगी। शास्त्री का यह भी कहना है कि ज्योतिष गणना के अनुसार पितृ पक्ष 15 दिन के बजाए 16 दिन का है, जिसका असर नवरात्र तिथि पर पड़ा है।
आमतौर नवरात्र के दसवें दिन दशहरा होता है लेकिन इस यह पर्व नौवें दिन होगा। बहरहाल उत्सव के लिए अभी तक प्रशासन की ओर से गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि मंदिरों में ज्योति कलश दर्शन की अनुमति होगी। कोरोना संक्रमण चलते बीते वर्ष मंदिरों में ज्योतिकलश तो प्रज्ज्वलित की गई लेकिन मंदिर के बजाय वर्चुअल दर्शन की ही सुविधा दी गई थी। सर्वमंगला मंदिर के पुजारी नमन पांडे का कहना है शारदीय नवरात्र में मनोकामना दीप प्रज्ज्वलन के लिए रसीद काटा जा रहा है। नौ हजार मनोकामना दीप जलाने की तैयारी मानकर रसीद काटी जा रही है। जिला प्रशासन की ओर से नवरात्र के अवसर पर कोविड का जो भी नियम जारी की जाएगी, उसके अनुसार ही मंदिर में भक्तों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। शहर के अलावा कटघोरा, बालको, जमनीपाली, दर्री, छुरीकला, चैतमा, पाली, दीपका, बांकीमोगरा, बरपाली आदि में उत्सव की तैयारी चल रही है।
पर्व आयोजन को उल्लास को देखते हुए मूर्तिकारों ने बड़ी आकार की मूर्तियां बनाना शुरू कर दिया हैं। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण होने के कारण शहर के बड़े पंडालों कलश पूजा आयोजित की गई थी। इस बड़ी समितियों द्वारा भी हर्षोल्लास से पूजा अनुष्ठान आयोजित की जाएगी। पंडालों में स्थापना के लिए पांच फीट से ऊंची मूर्तियों का निर्माण शुरू हो चुका है। मूर्तिकारों से संपर्क कर समिति सदस्य मूर्ति बनाने के लिए आर्डर और अग्रिम राशि देने पहुंच रहे हैं।
पहाड़ों में होगी पूजा अनुष्ठान की धूम
पहाड़ों में विराजमान देवी मंदिरों में ज्योति कलश प्रज्ज्वलित की जाएगी। कोसगाई, मड़वारानी, चैतुरगढ़ अष्ठभुजी समितियों ने मनोकामना दीप प्रज्ज्वलित करने की तैयारी कर ली है। कोरोनाकाल को देखते हुए देवी दरबार में पहुंचने वालें भक्तों की सुरक्षा के लिए नियम तय किए जा रहे हैं। बहरहाल मंदिर प्रबंधनों की नजर जिला प्रशासन की गाइडलाइन पर टिकी है।
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