विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) द्वारा भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के कोवैक्सीन (Covaxin) को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी (Emergency use authorisation) में अभी थोड़ा और समय लग सकता है. साथ ही WHO ने हैदराबाद स्थित वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक को कुछ टेक्निकल सवाल के एक सेट भी भेजे हैं जिसका जवाब उन्हें जल्द से जल्द देना होगा .वहीं भारत बायोटेक का कहना है कि उन्होंने कोवैक्सिन की मंजूरी के लिए आवश्यक सभी डेटा पहले ही जमा कर दिए हैं. हालांकि यह एक नियमित प्रक्रिया है फिलहाल इस मामले में कोई चिंता की बात नहीं है. WHO के अधिकारी ने News18 से कहा कि “यह सामान्य प्रक्रिया है. अक्सर विशेषज्ञ सवाल उठाते हैं, जिनका जवाब कंपनी को देना पड़ता है.”
यह पूछे जाने पर कि क्या नए सवालों के जवाब देने की प्रक्रिया के कारण अप्रूवल में देरी हो सकती है. इसके जवाब में WHO के अधिकारी ने News18 को बताया कि नहीं इस प्रक्रिया में देरी नहीं होनी चाहिए. शायद कुछ हफ्ते में कोवैक्सीन को अप्रूव किया जा सकता है. मालूम हो कि डब्ल्यूएचओ की मंजूरी के बिना, कोवैक्सिन को दुनिया भर के अधिकांश देशों द्वारा स्वीकृत वैक्सीन नहीं माना जाएगा और अप्रूवल में हो रही देरी से विदेश में पढ़ने वाले छात्रों, चिकित्सा पर्यटकों, व्यापारिक यात्रियों और जो लोग विदेश में यात्रा करना चाहते हैं वो प्रभावित हो सकते हैं.
दस्तावेज जमा करने की एक प्रक्रिया चल रही है
वहीं पिछले शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने संकेत दिया था कि वैश्विक स्वास्थ्य निकाय जल्द ही कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे सकता है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने कहा, “फिलहाल वैक्सीन निर्माता कंपनी द्वारा अप्रूवल के लिए दस्तावेज जमा करने की एक प्रक्रिया चल रही है. कोवैक्सिन को डब्ल्यूएचओ का आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण जल्द ही अपेक्षित है.”
अप्रूवल की समीक्षा प्रक्रिया शुरू
इससे पहले वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष डॉ वीके पॉल ने भी कहा था कि कोवैक्सिन के लिए डब्ल्यूएचओ की मंजूरी इस महीने के अंत से पहले आने की संभावना है. भारत बायोटेक ने कहा कि उसने 9 जुलाई को अप्रूवल के लिए आवश्यक सभी डॉक्यूमेंट जमा कर दिए हैं. भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ कृष्णा एला ने एक बयान में कहा, “समीक्षा प्रक्रिया अब इस उम्मीद के साथ शुरू हो गई है कि हम जल्द से जल्द डब्ल्यूएचओ से EUA प्राप्त करेंगे.”
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