रायपुर 26 सितम्बर (वेदांत समाचार) । राज्य सरकार इस साल नवरात्रि में छत्तीसगढ़ को राममय करने की तैयारी में है। इसके लिए रामकथा, भजन और मानस मंडलियों की प्रस्तुति होगी। कार्यक्रम चंद्रखुरी स्थित कौशल्या माता मंदिर में होगा। मंदिर के सौंदर्यीकरण का पहला चरण हाल ही में पूरा किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शारदीय नवरात्रि के पहले दिन यानी 7 अक्टूबर को राम वन गमन परिपथ विकास परियोजना के तहत मंदिर के जीर्णोद्धार एवं परिसर के सौंदर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण करेंगे।
मुख्यमंत्री निवास में हुई बैठक में तय हुआ कि 7 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक कौशल्या माता मंदिर परिसर में ही प्रवचन और भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। स्थानीय मंडलियों को भी मानस प्रवचन एवं भजन कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिलेगा। इस आयोजन की व्यवस्था पर्यटन विभाग को करनी है। मुख्यमंत्री ने राम कथा के लिए ख्याति प्राप्त प्रवचन कर्ता और भजन गायकों को आमंत्रित करने को कहा है। कहा गया, दिन में स्थानीय मानस मंडलियों की प्रस्तुति होगी, वहीं शाम को प्रवचन और भजन संध्या का आयोजन होना है।
ऐसे संवारा गया है माता कौशल्या का मंदिर
पर्यटन विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने बताया, कौशल्या माता मंदिर के जीर्णोद्धार एवं परिसर के सौंदर्यीकरण के प्रथम एवं द्वितीय चरण का कार्य पूरा हो चुका है। मंदिर के तालाब को गहरा कर सुंदर बनाया गया है। मंदिर में दर्शन के लिए आने-जाने के लिए नया पुल बना है। इस पुल की चौड़ाई पांच मीटर रखी गई है। मंदिर के सामने की ओर चार कियोस्क बनाए गए हैं, जहां से दर्शनार्थी मंदिर दर्शन एवं पूजा कर सकते हैं।
प्रवेश द्वार के पास भगवान राम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा
पर्यटन सचिव ने बताया, मंदिर के प्रवेश द्वार पर विशाल गेट बनाया गया है। भगवान श्रीराम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है। मंदिर परिसर में लैंड स्केपिंग की गई है। VIP लाउंज बनाया गया है। उन्होंने बताया, भगवान श्रीराम की प्रतिमा का अनावरण लाइट के माध्यम से किए जाने की तैयारी की गई है।
माना जाता है माता कौशल्या का इकलौता मंदिर
रायपुर से करीब 20 किमी दूर स्थित चंदखुरी को प्राचीन कोशल की राजधानी माना जाता है। यहां भगवान राम की माता कौशल्या का एक प्राचीन मंदिर है। इसमें भगवान राम माता कौशल्या की गोद में बैठे दिखाए गए हैं। मान्यता है कि इस मंदिर को 8वीं शताब्दी में सोमवंशी राजाओं ने बनवाया था। उन्हें भी यह प्रतिमा तालाब में मिली थी। 1973 में मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ। अब इसको फिर नए सिरे से संवारा जा रहा है।
पिछले वर्ष दिवाली पर 3600 दियों से जगमग हुआ था धाम
दीपावली पर चंदखुरी के ग्रामीण पहला दिया माता कौशल्या के मंदिर में ही जलाते रहे हैं। पिछले वर्ष दीपावली पर हमर राम समिति ने बड़ा दीपदान कार्यक्रम किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी यहां के लिए दीपदान किया। उस शाम 3600 दीप जलाकर लोगों ने भगवान राम की ननिहाल में दिवाली मनाई। समिति के आरपी सिंह बताते हैं, राज्य बनने के बाद यह पहला अवसर था जब वहां दीपोत्सव मनाया गया।
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