अपनी ही नहीं दूसरे देशों की भी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है भारत : तोमर

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन को वर्चुअल संबोधित किया. तोमर ने कहा कि कोरोना संकट (Corona Crisis) के बावजूद भारत में अच्छी तरह से बुवाई हुई, फसलों की कटाई तथा उसकी खरीद का काम भी पहले से बेहतर हुआ. बंपर पैदावार हुई है.

भारत में इस बार रिकॉर्ड लगभग 308 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन (foodgrain production) होने का अनुमान है. इसके माध्यम से भारत घरेलू जरूरतों की पूर्ति के साथ ही अन्य देशों को भी खाद्यान्न आपूर्ति करते हुए देश और दुनिया में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है.

कृषि मंत्री तोमर ने शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को धन्यवाद देते हुए भारत में कृषि क्षेत्र (agri sector) के महत्व पर प्रकाश डाला, जो किसानों के अथक परिश्रम, वैज्ञानिकों की कुशलता और सरकार की किसान हितैषी नीतियों के कारण कोरोना महामारी की कठिन परिस्थितियों में भी अप्रभावित रहा है.

खेती को लाभकारी बनाने के लिए चौतरफा उपाय

तोमर ने भारतीय कृषि के विकास से संबंधित, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan), 10 हजार नए एफपीओ बनाने सहित अन्य योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में भी बताया, जो किसानों के कल्याण के लिए लगातार चलाए जा रहे हैं. तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार का ध्यान उत्पादकता बढ़ाने पर है.

खेती को हर तरह से लाभकारी बनाने के लिए चौतरफा उपाय किए जा रहे हैं. भारत सरकार का मानना है कि किसानों का जीवन स्तर ऊंचा उठाकर और कृषि क्षेत्र का समग्र विकास करके ही खाद्य सुरक्षा को वास्तव में सुनिश्चित किया जा सकता है.

2023 अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष घोषित

तोमर ने कहा कि भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली विश्व में बड़ी और अनूठी है. वहीं स्कूली बच्चों में कुपोषण से निपटने के लिए हमारा मध्याह्न भोजन कार्यक्रम गंभीरता से जारी है. संयुक्त राष्ट्र ने भारत की पहल पर वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष घोषित किया है. इससे पूरी दुनिया में मोटे अनाजों के प्रति दिलचस्पी बढ़ेगी.

कृषि मंत्री ने सतत कृषि को बढ़ावा देकर, गरीबी व भुखमरी समाप्त करके तथा पोषण सुधार कर विकासशील देशों में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता साझा करने के संबंध में भारत की प्रतिबद्ध दोहराई.

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