सरकारी कंपनी कोल इंडिया (Coal India) के शेयरों की कीमत इंट्रा डे कारोबार में पांच फीसदी बढ़ कर 170 रुपये पर पहुंच गई . इस तरह इसने बीएसई में 52 हफ्ते के अपने पिछले टॉप लेवल 164.90 रुपये को (Coal India stock Price hits 52-week high) पार कर लिया. पिछले एक महीने के दौरान इस शेयर में 27 फीसदी की रैली दर्ज की गई है. जबकि इस दौरान सेंसेक्स में 7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है.
बिजली की डिमांड बढ़ने से चमके कोल इंडिया के शेयर
देश के कोल माइनिंग सेक्टर में कोल इंडिया का वर्चस्व है और निकट भविष्य में इसमें कोई बदलाव नहीं दिख रहा है. कोल सेक्टर को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोल दिए जाने के बावजूद भारतीय बाजार में कोल इंडिया की सप्लाई का वर्चस्व बना रहेगा. कोल इंडिया की जून तिमाही (2021-22) के नतीजों से पता चलता है कि कोल इंडिया को बिजली की मांग में रिकवरी का फायदा हुआ है. बिजली की डिमांड बढ़ने से कोयले की लदान में तेजी आई है. कोयले की लदान में इस तेजी से कंपनी को प्रॉफिट हुआ है. पिछले वित्त वर्ष (2021-22) की जून तिमाही की तुलना में कोल इंडिया की कमाई में 64 फीसदी की तेजी आई है यह बढ़ कर 4,600 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है.
कोल इंडिया के मुनाफे में 24 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी का अनुमान
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का मानना है कि चालू वित्त वर्ष (2021-22) के दौरान कोल इंडिया के मुनाफे में पिछले वित्त वर्ष (2020-21) के मुकाबले 24 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है. नियर टर्म में कैपेक्स रन-रेट में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. लेकिन कोयले की लदान में बढ़ोतरी और आय में बढ़ोतरी से कैश जेनरेशन में इजाफा होगा. कोल इंडिया के कोयले की डिमांड लगातार बढ़ रही है. वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में पिछले वित्त वर्ष (2020-21) की पहली तिमाही की तुलना में कोयले की लदान में 33 फीसदी का इजाफा हुआ है. वित वर्ष 2021-22 की में ऑपरेटिंग लिवरेज की अहम भूमिका होगी.
कोल इंडिया 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है ‘Vision 2024’ के तहत कंपनी का प्रोडक्शन 2023-24 के दौरान 1 अरब टन किया जाएगा ताकि देश के कोयले की जरूरतें पूरी हो सके. कंपनी ने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपनी प्रमुख परियोजनाओं की पहचान कर इनसे जुड़े मुद्दों को सुलझाने का काम शुरू कर दिया है.
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