महिला बाल विकास में रेडी टू इट में अपने चहेते को काम

महेश शुक्ला

जांजगीर-चापा 24 सितम्बर (वेदांत समाचार)। महिला एंव बाल विकास विभाग जांजगीर चापा में रेडी -टू-ईट का काम पाने महिला समुह दस्तावेजो को भी सुधार कर काम पाने सफल हो जाते है विभाग के अधिकारी भी उनके दस्तावेजों का अवलोकन नही करते है और सालो अधिकारियों के संरक्षण में रेडी टू ईट का संचालन करते आ रहे है । ऐसा ही एक कारनामा जागृति महिला स्व- सहायता समूह आमपाली जैजैपुर के द्वारा भी किया गया है यह समूह 12 वर्षो से जागृति समूह के नाम से रेडी टू ईट का काम कर रही है जबकि उस नाम से रजिस्ट्रार सहकारी पंजीयक संस्थान बिलासपुर में पंजीयन ही नही है । नारियां महिला स्व सहायता समूह आमपाली के नाम से पंजीयन है जिसका क्रमांक 6294 जो 24 अप्रैल 2007 को हुआ है । लेकिन जागृति महिला समूह के द्वारा उसी पंजीयन का सहारा लेकर काम लिया गया है तथा उन्होंने जो पंजीयन प्रमाण पत्र विभाग में दिया है उसमे जागृति महिला स्व सहायता समूह लिखा है जो सन्देहास्पद है क्योंकि पंजीयन क्रमांक 6294 और दिनांक एक ही है । एक ही पंजीयन दो नाम से कैसे हो सकता है जबकि पंजीयक सहकारी सोसाइटी से जो नियमावली निकलवाई गयी है उसमें नारियां महिला स्व सहायता समूह के नाम से पंजीकृत है जिसका पंजीयन क्रमांक 6294 है।

पिछले कई सालों से इसी पंजीयन के आधार पर जागृति महिला समूह काम कर रही है । विभाग के अधिकारी भी कभी इनकी पंजीयन एंव नियमावली की कापी नही देखे है लगता है तब तो पिछले 12 वर्षो से इनके संरक्षण में इस काम को अंजाम दिया जा रहा है ।रेडी टू ईट के काम मलाईदार है जहाँ कमीशन का खेल चलता है और लाखों रुपये का हर माह बंदरबांट किया जाता है । इसिलए काम पाने समूह के लोग दस्तावेजो से कांटछांट हेराफेरी करते है और रेडी टू ईट का काम लेते है इस काम मे विभाग के अधिकारियों की भी भूमिका रहती है । इस तरह से फर्जीवाड़ा तरीके से काम लेकर चल रहे समूहों की यदि बारीकी से जांच की जाएगी तो ऐसे कई प्रकरण जांजगीर चापा के महिला एंव बाल विकास कार्यालय में मिल जाएगा तभी तो रेडी टू ईट का काम पाने महिला समुहो के द्वारा ऐड़ी चोटी एक का जोर लगाया जाता है ।


संचालनालय में हुई है शिकायत

जागृति महिला स्व सहायता समूह द्वारा फर्जी तरीके से रेडी टू ईट का संचालन किया जा रहा है जिसकी शिकायत कुछ महिला समूहों की है तथा उच्चधिकारियों से जांच कराकर रेडी टू ईट काम के आबंटन को निरस्त कर अध्यक्ष और सचिव के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है ।

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